पटना में अखिल भारतीय यादव महासभा का सम्मेलन, भगवान श्रीकृष्ण के विचारों से समाज को जोड़ने का संदेश
पटना। बिहार की पावन धरती पर रविवार को अखिल भारतीय यादव महासभा (अहीर), बिहार इकाई द्वारा “भगवान श्रीकृष्ण के विचारों के जन समरस सांस्कृतिक सम्मेलन” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और उनके विचारों को वर्तमान समाज के लिए प्रेरणास्रोत बताते हुए सामाजिक समरसता, एकता और सांस्कृतिक जागरण पर जोर दिया।

बिहार की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर का उल्लेख
सम्मेलन को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि बिहार हमेशा से महान विभूतियों और संतों की कर्मभूमि रहा है।
- यही वह भूमि है, जहां चंद्रगुप्त और अशोक जैसे महान सम्राटों ने शासन कर भारत को गौरव दिलाया।
- गौतम बुद्ध और महावीर की तपोभूमि ने पूरी दुनिया को सत्य, अहिंसा और करुणा का मार्ग दिखाया।
- नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्वविख्यात विश्वविद्यालयों ने शिक्षा और ज्ञान का दीप जलाया।
उन्होंने कहा कि बिहार की यह धरती केवल ऐतिहासिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत समृद्ध है और आज के सम्मेलन का उद्देश्य इन्हीं गौरवशाली परंपराओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाना है।

भगवान श्रीकृष्ण के विचार आज भी प्रासंगिक
सम्मेलन में वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि भगवान श्रीकृष्ण केवल धार्मिक आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि वे नीति, राजनीति, धर्म और समाज के भी अद्वितीय मार्गदर्शक रहे हैं।
- उन्होंने धर्म और कर्म का ऐसा संदेश दिया, जो हर युग में प्रासंगिक रहा है।
- महाभारत के युद्ध में अर्जुन को दिया गया गीता का उपदेश आज भी जीवन जीने की राह दिखाता है।
- श्रीकृष्ण का जीवन हमें सिखाता है कि विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य, साहस और न्याय का साथ नहीं छोड़ना चाहिए।
सामाजिक समरसता का संदेश
कार्यक्रम में यह भी कहा गया कि समाज में व्याप्त विभाजन और भेदभाव को मिटाने के लिए श्रीकृष्ण के विचारों को आत्मसात करना होगा। भगवान श्रीकृष्ण ने हमेशा सभी को जोड़ने का काम किया और समाज को एक सूत्र में पिरोया। यादव महासभा के पदाधिकारियों ने इस अवसर पर युवाओं से आह्वान किया कि वे शिक्षा और संस्कृति के माध्यम से समाज को मजबूत करें और अपनी जिम्मेदारी को समझें।
सम्मेलन में उमड़ा जनसैलाब
इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में बिहार के विभिन्न जिलों से लोग शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान भगवान श्रीकृष्ण के भजन, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और विचार गोष्ठियां आयोजित की गईं। माहौल पूरी तरह भक्ति और सांस्कृतिक रंगों से सराबोर रहा।
वक्ताओं ने कहा कि जब भी समाज चुनौतियों से घिरा, भगवान श्रीकृष्ण के विचार और गीता का संदेश मानवता के लिए संबल बना। इसलिए आज आवश्यकता है कि हम कृष्ण के आदर्शों को अपने जीवन और समाज में उतारें।
✅ स्वदेश ज्योति के द्वारा | और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!
- पदोन्नति में आरक्षण पर हाईकोर्ट ने मांगा सरकार से स्पष्टीकरण, पूछा– पुरानी नीति पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने पर नई नीति कैसे लागू होगी?
- कलकत्ता हाईकोर्ट में दायर याचिका, बंगाल में ‘द बंगाल फाइल्स’ फिल्म की रिलीज की मांग
- ऑनलाइन सट्टेबाजी एप केस: ईडी ने रॉबिन उथप्पा, युवराज सिंह और सोनू सूद को पूछताछ के लिए बुलाया
- अपोलो टायर्स बना टीम इंडिया की जर्सी का नया प्रायोजक, 579 करोड़ में हुआ करार
- एशिया कप 2025: अबू धाबी में अफगानिस्तान-बांग्लादेश के बीच करो या मरो की जंग, सुपर-4 की दौड़ दांव पर