July 5, 2025 6:06 AM

कृषि उद्योग समागम 2025: मंदसौर में तकनीक और नवाचार की मिसाल बनी खेती

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सीतामऊ में किया भव्य आयोजन का शुभारंभ, यंत्रों और उत्पादों की प्रदर्शनी का किया अवलोकन

भोपाल/मंदसौर, 3 मई।
मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में शनिवार को ‘कृषि उद्योग समागम 2025’ का भव्य आयोजन हुआ, जिसका उद्घाटन स्वयं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया। उन्होंने सीतामऊ स्थित कार्यक्रम स्थल पर आधुनिक कृषि यंत्रों और कृषि उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और किसानों के साथ संवाद भी स्थापित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि “मध्यप्रदेश कृषि राज्य है और यहां के किसानों को तकनीक, नवाचार और आधुनिक समाधानों से जोड़ना हमारी प्राथमिकता है।”

तकनीकी उन्नयन की दिशा में बड़ा कदम

यह एक दिवसीय समागम किसानों, कृषि उद्यमियों, एफपीओ प्रतिनिधियों, निर्यातकों और विशेषज्ञों के लिए नवाचार और संवाद का विशेष मंच बना। देशभर से आए कृषि और उद्यानिकी विशेषज्ञों ने किसानों को स्मार्ट खेती, प्रसंस्करण, जैविक खेती और मूल्यवर्धन जैसे विषयों पर मार्गदर्शन दिया।

एआई आधारित यंत्रों और ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन

कार्यक्रम स्थल पर कृषि तकनीकों की अत्याधुनिक प्रदर्शनी आयोजित की गई, जिसमें विशेष रूप से एआई आधारित यंत्र, ड्रोन, पॉवर स्प्रेयर, माइक्रो सिंचाई प्रणाली, पॉलीहाउस, और जैविक-नैनो फर्टिलाइजर प्रमुख आकर्षण रहे।
बायो-फ्लॉक्स, केज कल्चर मॉडल, हर्बल उत्पाद और दुग्ध आधारित नवाचारों का लाइव डेमो किसानों के लिए सीखने और अपनाने योग्य रहा।

वैश्विक बाजारों तक पहुंच के उपायों पर चर्चा

एफपीओ और कृषि आधारित स्टार्टअप्स के लिए एक विशेष सत्र में वैश्विक कृषि बाजारों तक पहुंच, ब्रांडिंग, प्रोसेसिंग तकनीकों और निर्यात की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई। यह सत्र किसानों और उद्यमियों के लिए व्यावसायिक दृष्टिकोण से बेहद उपयोगी रहा।

80 से अधिक स्टॉल, 8 विभागों की सहभागिता

कार्यक्रम में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य, कृषि अभियांत्रिकी, एमएसएमई सहित 8 विभागों के 80 से अधिक स्टॉल लगाए गए, जहां किसानों को सरकारी योजनाओं, सब्सिडी, तकनीकी जानकारी और प्रशिक्षण अवसरों की जानकारी दी गई।
राज्य स्तरीय सहभागिता ने इस समागम को और अधिक प्रभावी और व्यापक बनाया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समापन के दौरान कहा, “मध्यप्रदेश का भविष्य तकनीक और नवाचार के साथ जुड़कर ही सशक्त होगा। ऐसे आयोजनों से हमारी कृषि उन्नत होगी और किसान सशक्त।”


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