- बेलेघाटा, बेंटिक स्ट्रीट और पार्क स्ट्रीट में ईडी का छापा, दस्तावेज़ और डिजिटल उपकरण जब्त

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में नगर निगम भर्ती घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार सुबह कोलकाता के कई इलाकों में एक साथ छापेमारी की।
सूत्रों के अनुसार, यह छापे भर्ती प्रक्रिया में धनशोधन और अवैध वित्तीय लेनदेन के संदेह के चलते मारे गए हैं।

ईडी की टीम ने आज सुबह करीब सात बजे बेलेघाटा स्थित हेमचंद्र नस्कर रोड पर छापा मारा, जहां लक्ष्मी रामलया नामक भवन में एक वस्त्र व्यवसायी का निवास है।
बताया गया है कि यह छापा नगर निगम भर्ती भ्रष्टाचार से जुड़े धन के प्रवाह और लेनदेन की जांच से संबंधित है।


कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी

ईडी की कार्रवाई केवल बेलेघाटा तक सीमित नहीं रही। एजेंसी की टीमों ने बेंटिक स्ट्रीट, पार्क स्ट्रीट और दक्षिण कोलकाता के कुछ अन्य क्षेत्रों में भी एक साथ छापेमारी की।
इस दौरान छह अधिकारियों की विशेष टीमों ने घरों और कार्यालयों की तलाशी ली और महत्वपूर्ण दस्तावेज, कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए।


भर्ती घोटाले में धनशोधन की आशंका

जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि ईडी को ऐसे प्रारंभिक साक्ष्य मिले हैं, जिनसे यह संकेत मिलता है कि नगर निगमों और नगर पालिकाओं में नियुक्तियों के दौरान भारी रिश्वत और धनशोधन हुआ है।
भर्ती प्रक्रिया में अवैध लेनदेन के जरिए धन को विभिन्न खातों और व्यवसायों में निवेश किए जाने की आशंका है।

ईडी पहले भी इस मामले में राज्य मंत्री सुजीत बोस से जुड़े प्रतिष्ठानों और उनके करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है।


शिक्षकों की भर्ती घोटाले जैसा ही मामला

सूत्रों के मुताबिक, यह घोटाला शिक्षक भर्ती घोटाले की तर्ज पर ही है, जिसमें बड़े पैमाने पर घूस लेकर नियुक्तियाँ की गई थीं।
ईडी का मानना है कि इसी तरह की अनियमितताएं नगर निगमों और नगर पालिकाओं में भी हुई हैं, जहाँ पदों की बिक्री के एवज में करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ।


कई नए नाम आ सकते हैं सामने

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस कार्रवाई से भ्रष्टाचार के कई नए चेहरे सामने आने की संभावना है।
जांच एजेंसी आने वाले दिनों में राज्यभर में और छापेमारी कर सकती है, विशेष रूप से नगर निगम के उच्च अधिकारियों और दलालों से जुड़े ठिकानों पर।


डिजिटल सबूतों की फोरेंसिक जांच होगी

ईडी की टीम ने छापों के दौरान कई लैपटॉप, मोबाइल फोन और हार्ड ड्राइव जब्त किए हैं।
अब इन उपकरणों की फोरेंसिक जांच की जाएगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि किन खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए और किन लोगों ने इस घोटाले से लाभ उठाया।


राजनीतिक हलचल तेज

इस कार्रवाई के बाद राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने इसे तृणमूल कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार का सबूत बताया है, जबकि सत्ताधारी दल ने ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है।


ईडी की निगरानी में जांच का विस्तार

ईडी ने संकेत दिया है कि आने वाले हफ्तों में भर्ती प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेज़ों और बैंक खातों की विस्तृत जांच की जाएगी।
अगर धनशोधन और रिश्वतखोरी के ठोस सबूत मिले, तो कई वरिष्ठ प्रशासनिक और राजनीतिक व्यक्तियों पर कार्रवाई की जा सकती है।


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