चंडीगढ़। पंजाब के खनोरी सीमा पर किसानों के अधिकारों और मांगों को लेकर आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। शनिवार को उनका अनशन 47वें दिन में प्रवेश कर गया। शुक्रवार देर रात डल्लेवाल की तबीयत गंभीर रूप से बिगड़ गई, जिससे उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगी। मौके पर मौजूद डॉक्टरों और वालंटियर्स ने स्थिति को संभाला और करीब एक घंटे बाद उनकी हालत स्थिर हुई।
स्वास्थ्य स्थिति पर चिंता
किसान नेताओं ने बताया कि डल्लेवाल के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए लगातार चिकित्सकीय देखरेख की जा रही है। गुरुवार को उनके विभिन्न मेडिकल टेस्ट कराए गए थे, लेकिन अभी तक उनकी रिपोर्ट नहीं आई है। किसान नेताओं के अनुसार, शनिवार रात तक रिपोर्ट आने की उम्मीद है। डल्लेवाल के समर्थकों ने ऐलान किया है कि रिपोर्ट आने के बाद इसे जनता के सामने पेश किया जाएगा और इसके आधार पर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
किसान आंदोलन का उद्देश्य
डल्लेवाल और उनके साथ आंदोलन कर रहे किसान केंद्र और राज्य सरकार से अपनी लंबित मांगों को पूरा करने की गुहार लगा रहे हैं। प्रमुख मांगों में कृषि सुधार कानूनों को पूरी तरह से समाप्त करना, किसानों की कर्जमाफी और फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी शामिल हैं।
अनशन स्थल पर माहौल
अनशन स्थल पर बड़ी संख्या में किसान और उनके समर्थक जुटे हुए हैं। आंदोलन के 47वें दिन भी समर्थन में आने वाले लोगों की संख्या में कमी नहीं आई है। किसान नेता और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि डल्लेवाल के साथ अपनी एकजुटता दिखा रहे हैं।
सरकार की चुप्पी पर सवाल
किसान संगठनों ने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि इतने लंबे अनशन के बावजूद सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। किसान नेताओं का कहना है कि अगर जल्द ही उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आंदोलन और अधिक उग्र हो सकता है।
डल्लेवाल के परिवार की चिंता
जगजीत सिंह डल्लेवाल के परिवार के सदस्य भी उनकी बिगड़ती हालत से बेहद चिंतित हैं। उनके परिवार ने सरकार से अपील की है कि वह किसानों की मांगों को गंभीरता से ले और जल्द समाधान निकाले।
आगे की रणनीति
किसान नेताओं ने स्पष्ट किया है कि डल्लेवाल के टेस्ट रिपोर्ट सार्वजनिक करने के बाद आंदोलन की अगली दिशा तय की जाएगी। किसान संगठन आंदोलन को और प्रभावी बनाने के लिए बड़े स्तर पर रैली और विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं।
डल्लेवाल की बिगड़ती हालत और 47 दिनों से जारी यह अनशन सरकार और किसानों के बीच टकराव को और बढ़ाने वाला है।