दार्जिलिंग / कोलकाता। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी जिलों में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश और भूस्खलन ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। कई इलाकों में सड़कें टूट गईं, पुल बह गए और दर्जनों परिवार बेघर हो गए हैं। इसी स्थिति का जायजा लेने के लिए केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू मंगलवार को दार्जिलिंग पहुँचे। उन्होंने स्थानीय प्रशासन, राहतकर्मियों और प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और नुकसान का मैदानी मूल्यांकन किया।

राहत कार्यों का लिया जायजा, कहा – प्रधानमंत्री को दूँगा विस्तृत रिपोर्ट

रिजिजू ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से यहाँ आए हैं ताकि बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित लोगों की स्थिति का प्रत्यक्ष मूल्यांकन किया जा सके। उन्होंने कहा –
“मैं यहाँ उन परिवारों से मिलने आया हूँ जिन्होंने इस आपदा में अपना सब कुछ खो दिया है। केंद्र सरकार लगातार राज्य प्रशासन के संपर्क में है और हरसंभव सहायता दी जाएगी। नुकसान का पूरा आकलन कर मैं प्रधानमंत्री को रिपोर्ट सौंपूँगा।”

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वैज्ञानिकों और मौसम विशेषज्ञों की टीम को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि किन इलाकों में आगे और खतरा बरकरार है। उन्होंने कहा कि भविष्य में आपदा प्रबंधन प्रणाली को और मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार तकनीकी सहायता देने को तैयार है।

भाजपा नेताओं पर हमले को लेकर टीएमसी पर निशाना

अपनी दार्जिलिंग यात्रा के दौरान रिजिजू ने जलपाईगुड़ी जिले के नगारकाटा में भाजपा नेताओं पर हुए हमले की घटना पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएँ लोकतंत्र के लिए शर्मनाक हैं और राज्य सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
रिजिजू ने कहा –
“भाजपा सांसद खगेन मुर्मू और विधायक शंकर घोष पर हमला बेहद गंभीर मामला है। लोकसभा अध्यक्ष ने राज्य सरकार से इस पर रिपोर्ट मांगी है। अगर रिपोर्ट में देरी होती है, तो हम संसद में प्रिविलेज मोशन के तहत कार्रवाई करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि यह सिर्फ भाजपा के नेताओं की सुरक्षा का नहीं, बल्कि राज्य के हर नागरिक की सुरक्षा का प्रश्न है। केंद्र सरकार कानून व्यवस्था और लोकतांत्रिक मर्यादाओं के पालन को लेकर गंभीर है।

भारी बारिश और भूस्खलन से दार्जिलिंग में तबाही

दार्जिलिंग के पहाड़ी क्षेत्रों में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है। कई जगहों पर भूस्खलन के कारण सड़कें बंद हो गई हैं और यातायात पूरी तरह ठप है। प्रशासन ने दर्ज़नों गाँवों को अलर्ट ज़ोन घोषित किया है। राहत और बचाव दल के जवान लगातार मलबा हटाने और फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटे हुए हैं।
अब तक राज्य में बारिश और भूस्खलन से 10 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि रात के समय अचानक हुए भूस्खलन से कई घर मलबे में दब गए।

केंद्र और राज्य के बीच समन्वय पर जोर

रिजिजू ने कहा कि इस समय राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार कर सबको एकजुट होकर राहत कार्यों में लगना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार को भरोसा दिलाया कि केंद्र हर संभव मदद के लिए तैयार है।
उन्होंने यह भी कहा कि दार्जिलिंग और आसपास के जिलों में आपदा प्रबंधन तंत्र को तकनीकी दृष्टि से सशक्त करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।

पीड़ित परिवारों से मुलाकात

केंद्रीय मंत्री ने राहत शिविरों में ठहरे प्रभावित लोगों से भी मुलाकात की। उन्होंने मृतकों के परिजनों से संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार उनके पुनर्वास और आर्थिक सहायता के लिए ठोस कदम उठाएगी।