July 4, 2025 4:49 PM

केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को खुलेंगे: हजारों किलो फूलों से सजा केदारनाथ, 2 मई को खुलेंगे कपाट, 6 महीनों तक दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु

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चारधाम यात्रा का पावन आगाज़ हो चुका है। उत्तराखंड के गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर भक्तों के लिए खोल दिए गए। अब सबकी निगाहें केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम की ओर हैं। इनमें से केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को विधिपूर्वक खोले जाएंगे, जबकि बद्रीनाथ के कपाट 4 मई को खुलेंगे।

🚩 बाबा केदार की पंचमुखी डोली धाम पहुंची

भगवान शिव के पंचमुखी रूप वाली डोली अब केदारनाथ धाम पहुंच चुकी है। परंपरा के अनुसार यह डोली ओंकारेश्वर मंदिर (उखीमठ) से यात्रा करती हुई केदारनाथ पहुंचती है।
2 मई को प्रभात बेला में विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। इसके साथ ही केदारनाथ धाम में दर्शन-पूजन की छह महीने की धार्मिक यात्रा का शुभारंभ हो जाएगा।

🌸 फूलों से नहाया बाबा केदार का दरबार

केदारनाथ मंदिर को इस बार 10,000 किलोग्राम फूलों से सजाया गया है। इन फूलों में गुलाब, गेंदा, कमल, ऑर्किड, लिली और ट्यूलिप जैसे 45 प्रकार के फूल शामिल हैं।

  • फूलों की आपूर्ति 8 भारतीय राज्यों और 3 देशों से की गई है।
  • शृंगार का कार्य वडोदरा और कोलकाता के दक्ष कारीगरों द्वारा किया जा रहा है।
  • फूलों की सजावट का उद्देश्य केवल सौंदर्य नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति का संचार भी है।

🙏 दर्शन की अवधि और अनुमानित भक्तों की संख्या

केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद भक्त अगले 6 महीनों तक, यानी नवंबर तक दर्शन कर सकेंगे।

  • हर साल लाखों श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
  • इस बार जून से अगस्त के बीच यदि मौसम अनुकूल रहा, तो 25 लाख से अधिक भक्तों के पहुंचने का अनुमान लगाया गया है।

🚧 सुरक्षा और सुविधाएं भी मजबूत

राज्य सरकार और प्रशासन ने चारधाम यात्रा के लिए इस बार व्यवस्था और सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए हैं।

  • यात्रा मार्गों पर हेल्थ चेकअप कैंप, सीसीटीवी निगरानी, आपदा प्रबंधन टीमें और साफ-सफाई के विशेष प्रबंध किए गए हैं।
  • रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता पहले से लागू है, जिससे भीड़ नियंत्रण और ट्रैकिंग संभव हो सकेगी।

चारधाम यात्रा सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक चेतना, आस्था और संस्कृति का प्रतिबिंब है। बाबा केदार के दरबार में एक बार फिर भक्ति की गूंज सुनाई देने वाली है।

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