- केदारनाथ धाम में सीजन की पहली बर्फबारी होते ही भोलेनाथ के भक्त झूम उठे
- हेमकुंड साहिब में भी यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक तीसरी बार बर्फ गिर चुकी
रुद्रप्रयाग/चमोली। हिमालय की गोद में स्थित पवित्र केदारनाथ धाम ने सोमवार को सीजन की पहली बर्फबारी का स्वागत किया। जैसे ही मंदिर परिसर और आसपास की चोटियों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ी, भोलेनाथ के भक्तों के चेहरों पर आस्था और आनंद की चमक फैल गई। ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों से धाम गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने न केवल भगवान शिव के दर्शन किए, बल्कि इस अलौकिक प्राकृतिक दृश्य को मोबाइल कैमरों में भी कैद किया। कुछ यात्रियों ने सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो साझा करते हुए लिखा, “ऐसा लगता है मानो साक्षात शिव खुद बर्फ की वर्षा कर हमें आशीर्वाद दे रहे हों।”

शीतलता में भी गर्म रही श्रद्धा
बर्फबारी के कारण तापमान में तेज़ गिरावट आई है, लेकिन इसके बावजूद हजारों की संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ पहुंच रहे हैं। तड़के से ही मंदिर के बाहर लंबी कतारें देखी जा रही हैं। ठंड की मार झेलते हुए भी भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ—बल्कि बर्फबारी ने उनकी आस्था को और गहरा कर दिया।
हेमकुंड साहिब में भी हिमवर्षा का असर
वहीं, चमोली जिले के ऊँचाई वाले क्षेत्र हेमकुंड साहिब में भी मौसम का मिजाज बदला हुआ है। सोमवार को लगातार दूसरे दिन भी यहां बर्फबारी हुई। इस बार यात्रा शुरू होने के बाद तीसरी बार बर्फ गिरी है। हालांकि रविवार की तुलना में बर्फबारी कम रही, लेकिन मौसम में ठंडक इतनी बढ़ गई कि यात्रियों को भारी ऊनी कपड़ों और गर्म चाय के सहारे ही यात्रा पूरी करनी पड़ रही है। दोपहर बाद अचानक मौसम बदला और हल्की बर्फबारी शुरू हुई, जो शाम होते-होते थम गई।

दर्शन के साथ प्रकृति का अनुभव
इन दोनों तीर्थस्थलों पर बर्फबारी के चलते वातावरण में एक अलौकिक पवित्रता छा गई है। भक्तों के लिए यह केवल एक तीर्थ यात्रा नहीं, बल्कि प्रकृति और ईश्वर के सम्मिलन का अनुभव बन गई है। हिमालय की गोद में बर्फ से ढंके मंदिरों का दर्शन करने का सौभाग्य पाना हर भक्त के लिए सौभाग्य की बात है, और यह मौसम उसे और विशेष बना देता है।
यात्रा जारी, प्रशासन सतर्क
मौसम के बदले मिजाज को देखते हुए प्रशासन ने श्रद्धालुओं को सतर्क रहने की सलाह दी है। साथ ही मौसम अपडेट और सुरक्षित मार्गों की जानकारी लगातार दी जा रही है, ताकि यात्रा निर्विघ्न और सुरक्षित बनी रहे।