नई दिल्ली। उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना के तहत कटरा-बनिहाल रेलवे खंड पर भारतीय रेलवे ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। बुधवार को इस खंड पर अंतिम गति परीक्षण के दौरान ट्रेन ने 110 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति दर्ज की। यह परीक्षण कटरा और बनिहाल के बीच दोनों दिशाओं में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस परीक्षण का वीडियो और कुछ तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, ‘कटरा-बनिहाल खंड के लिए यूएसबीआरएल परियोजना का अंतिम चरण सीआरएस सुरक्षा निरीक्षण शुरू हुआ।’ उनके इस बयान से स्पष्ट हुआ कि यह परियोजना अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुकी है और जल्द ही कश्मीर घाटी को रेल नेटवर्क के माध्यम से देश के अन्य हिस्सों से जोड़ा जाएगा।
परीक्षण और निरीक्षण की प्रक्रिया
रेल मंत्रालय के अनुसार, यह गति परीक्षण रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) द्वारा किए जाने वाले अनिवार्य निरीक्षण का हिस्सा था। परीक्षण के दौरान ट्रेन ने कई महत्वपूर्ण संरचनाओं को पार किया, जिनमें भारत के पहले केबल-स्टेड रेल पुल अंजी खाद पुल और दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चेनाब रेल पुल शामिल हैं।
रेलवे सुरक्षा आयुक्त (उत्तरी सर्कल) दिनेश चंद देशवाल ने कटरा से रियासी (17 किमी) तक नवनिर्मित विद्युतीकृत रेलवे लाइन का दो दिवसीय वैधानिक सुरक्षा निरीक्षण किया। यह खंड जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित है और यूएसबीआरएल परियोजना का अंतिम शेष हिस्सा है। इसके चालू होने के बाद, कश्मीर घाटी का शेष भारत के साथ रेलवे नेटवर्क के माध्यम से सीधा संपर्क संभव हो सकेगा।
परियोजना की प्रगति और पहले पूरे हुए खंड
यूएसबीआरएल परियोजना के तहत कटरा-बनिहाल खंड का 111 किमी हिस्सा सबसे महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण है। इस खंड के दो हिस्से पहले ही पूरे हो चुके हैं:
- बनिहाल से संगलदान (48 किमी) – यह हिस्सा 20 फरवरी 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया गया था।
- संगलदान से रियासी (46 किमी) – इस खंड को 1 जुलाई 2023 को सीआरएस प्राधिकरण से स्वीकृति मिल चुकी है और यह राष्ट्र को समर्पित करने के लिए तैयार है।
भूगोलिक और तकनीकी चुनौतियां
यूएसबीआरएल परियोजना के तहत 272 किमी लंबी रेलवे लाइन का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें कटरा-बनिहाल खंड 111 किमी लंबा है। यह हिस्सा सबसे चुनौतीपूर्ण माना जाता है और इसे स्वतंत्रता के बाद की सबसे कठिन रेलवे परियोजना के रूप में देखा जा रहा है। यह मार्ग युवा हिमालय से होकर गुजरता है, जहां भूवैज्ञानिक अस्थिरता और अन्य प्राकृतिक समस्याएं लगातार निर्माण कार्य में बाधा डालती हैं।
चेनाब रेल पुल, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल है, इस परियोजना का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पुल चेनाब नदी पर 359 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है, जो एफिल टॉवर से भी ऊंचा है।
कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास
इस परियोजना के पूरा होने के बाद, कश्मीर घाटी की कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। इससे न केवल स्थानीय लोगों के लिए यात्रा सुगम होगी, बल्कि पर्यटन और व्यापार में भी वृद्धि होगी। यह परियोजना क्षेत्र में आर्थिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
निष्कर्ष
कटरा-बनिहाल रेलवे खंड पर 110 किमी प्रति घंटे की गति से सफलतापूर्वक दौड़ी ट्रेन इस बात का संकेत है कि यूएसबीआरएल परियोजना अपने अंतिम चरण में है। यह परियोजना न केवल तकनीकी उपलब्धि है बल्कि राष्ट्रीय एकता और क्षेत्रीय विकास के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। जल्द ही यह रेलवे खंड आम जनता के लिए खुल जाएगा, जिससे कश्मीर घाटी देश के अन्य हिस्सों से सीधे जुड़ जाएगी।
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