करवा चौथ पर देशभर में 28 हजार करोड़ रुपये का कारोबार, दिल्ली में 8 हजार करोड़ की बिक्री
– पारंपरिक खरीदारी, मेहंदी और ज्वेलरी की दुकानों पर उमड़ी भीड़, स्थानीय व्यापार में आया उत्सव जैसा उछाल
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (हि.स.)। देशभर में शुक्रवार को मनाए जा रहे करवा चौथ के पर्व ने इस बार भी घरेलू बाजार को नई रौनक दी। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में करीब 28 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है। वहीं, राजधानी नई दिल्ली में अकेले 8 हजार करोड़ रुपये की बिक्री का अनुमान लगाया गया है।
कैट के महामंत्री और भाजपा सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि इस वर्ष करवा चौथ पर पिछले वर्षों के मुकाबले रिकॉर्ड तोड़ खरीदारी हुई है। उन्होंने कहा कि —
“जहां वर्ष 2023 में लगभग 15 हजार करोड़ और 2024 में 22 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था, वहीं इस बार यह आंकड़ा 28 हजार करोड़ को पार कर गया है। यह उपभोक्ता विश्वास और घरेलू अर्थव्यवस्था के मजबूती का प्रतीक है।”
💍 सजावट, ज्वेलरी और पारंपरिक वस्त्रों की खरीदारी में तेजी
त्योहार को लेकर देशभर के बाजारों, मॉल्स और शॉपिंग सेंटर्स में महिलाओं की भीड़ देखने को मिली। पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाएं साड़ी, लहंगा, पूजा की थाली, छलनी, मिट्टी के करवे, मिठाइयां, गिफ्ट आइटम्स, ज्वेलरी और कॉस्मेटिक्स जैसी चीज़ों की खरीदारी में व्यस्त रहीं।
दिल्ली के प्रमुख बाजारों — चांदनी चौक, सदर बाजार, सरोजिनी नगर, लाजपत नगर, राजौरी गार्डन, करोल बाग, प्रीत विहार और साउथ एक्सटेंशन — में तो दुकानों पर पैर रखने की जगह तक नहीं थी।
💄 ब्यूटी पार्लर और मेहंदी आर्टिस्ट्स की रही धूम
कैट के अनुसार, करवा चौथ से जुड़ी सेवाओं जैसे ब्यूटी पार्लर, मेहंदी आर्टिस्ट्स और सैलून में दिनभर लंबी कतारें लगी रहीं। इससे छोटे कारीगरों, मेकअप आर्टिस्ट्स और पारंपरिक शिल्पकारों को अच्छा रोजगार मिला। देशभर में हजारों जगहों पर सामूहिक करवा चौथ पूजन के आयोजन हुए, जिससे बाजार और धार्मिक आयोजन दोनों में उत्सव जैसा माहौल बन गया।
🇮🇳 स्वदेशी वस्तुओं की बढ़ी मांग, जीएसटी राहत से उपभोक्ताओं को लाभ
खंडेलवाल ने बताया कि इस बार करवा चौथ से पहले कुछ वस्तुओं पर जीएसटी दरों में की गई कटौती ने उपभोक्ताओं को राहत दी है। साथ ही, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘स्वदेशी अपनाओ’ अभियान का असर भी इस त्योहारी सीजन में स्पष्ट रूप से देखने को मिला। देशभर के व्यापारियों ने कहा कि उपभोक्ताओं ने इस बार स्वदेशी उत्पादों की खरीद को प्राथमिकता दी, जिससे स्थानीय व्यापारियों और कारीगरों को बड़ा लाभ हुआ।
कैट ने कहा कि —
“करवा चौथ केवल प्रेम और समर्पण का पर्व नहीं है, बल्कि यह देश के खुदरा व्यापार को नई ऊर्जा देने वाला उत्सव भी है। लाखों छोटे दुकानदारों और स्थानीय व्यवसायों के लिए यह त्यौहार आर्थिक संजीवनी साबित हुआ है।”
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