कार्तिक पूर्णिमा 2025: देव दीपावली, पौराणिक कथा, शुभ योग और सभी राशियों पर प्रभाव

नई दिल्ली, 3 नवंबर (हि.स.)।
हिंदू पंचांग में कार्तिक माह की पूर्णिमा को अत्यंत पवित्र और शुभ तिथि मानी जाती है। यह तिथि दीपावली के लगभग 15 दिन बाद आती है और देव दीपावली के रूप में मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन देवताओं ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध करने वाले भगवान शिव की आराधना की थी, और उसी हर्ष में देवताओं ने आकाश को दीपों से सजाया था। इसीलिए इस दिन को ‘देव दीपावली’ कहा जाता है।

इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 5 नवंबर 2025 (बुधवार) को मनाई जाएगी। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी अत्यंत शुभ है। इस बार शिववास योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और भरणी नक्षत्र का संयोग बन रहा है, जिससे यह पूर्णिमा विशेष फलदायी मानी जा रही है।

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🌕 कार्तिक पूर्णिमा का समय और महत्व

पंचांग के अनुसार —

  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 4 नवंबर, रात 10 बजकर 36 मिनट
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 5 नवंबर, शाम 06 बजकर 48 मिनट

धर्मशास्त्रों के अनुसार, इस अवधि में किया गया स्नान, दान, दीपदान और व्रत विशेष पुण्य प्रदान करता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किया गया एक दीपदान अनंत जन्मों के पापों को हर लेता है।


📜 पौराणिक कथा: भगवान शिव ने किया त्रिपुरासुर का वध

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, एक समय तीन राक्षस — त्रिपुरासुर, तरकासुर और विद्युनमाली ने कठोर तपस्या कर ब्रह्मा जी से अमरत्व का वरदान प्राप्त किया। ब्रह्मा जी ने कहा कि वे केवल तब मारे जाएंगे जब उनके तीनों नगर (त्रिपुर) एक सीध में आएंगे और तब कोई देव उन्हें एक ही बाण से नष्ट करेगा।

देवताओं ने भगवान शिव से प्रार्थना की। भगवान शिव ने उस क्षण का इंतज़ार किया जब तीनों नगर एक रेखा में आए, और फिर अपने पाशुपतास्त्र से उन्हें नष्ट कर दिया। उसी दिन देवताओं ने प्रसन्न होकर दीप जलाए और इस विजय को मनाया। यही दिन देव दीपावली के रूप में प्रसिद्ध हुआ।


🪔 कार्तिक पूर्णिमा पर किए जाने वाले प्रमुख उपाय और पूजन विधि

1. पवित्र नदियों में स्नान

सुबह सूर्योदय से पहले गंगा, यमुना, गोदावरी या नर्मदा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से नकारात्मकता दूर होती है। जो लोग यात्रा नहीं कर सकते, वे घर में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।

2. भगवान विष्णु और शिव की पूजा

इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव दोनों की पूजा का विशेष महत्व है। तुलसी के पौधे के सामने दीप जलाना और शिवलिंग पर जल अर्पित करना अत्यंत शुभ फलदायक होता है।

3. दीपदान का विशेष महत्व

संध्याकाल में नदी किनारे या घर के मुख्य द्वार पर 108 दीपक जलाकर दीपदान करना चाहिए। यह पापों को नष्ट कर सौभाग्य प्रदान करता है।

4. दान और व्रत

इस दिन अन्न, वस्त्र, सोना, घी, दीपक और दक्षिणा का दान करना उत्तम माना जाता है। महिलाएं इस दिन सौभाग्य व्रत रखती हैं और अपने परिवार की समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

5. तुलसी पूजन

कार्तिक पूर्णिमा को तुलसी का पूजन करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है। तुलसी पर दीपक जलाना और 11 बार परिक्रमा करना बेहद शुभ होता है।

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🔯 ज्योतिषीय योग और राशियों पर प्रभाव

इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर शिववास योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और भरणी नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इन शुभ योगों के प्रभाव से कुछ राशियों के लिए यह तिथि बेहद लाभकारी रहेगी। आइए जानें सभी राशियों पर इसका असर —


वृषभ राशि (Taurus):

आपके लिए यह पूर्णिमा बेहद शुभ रहने वाली है। कार्यक्षेत्र में नई पहचान मिलेगी, आय के स्रोत बढ़ेंगे। शिक्षा, नौकरी और विवाह से जुड़े मामलों में सफलता के योग हैं। स्वास्थ्य में सुधार होगा और रुके हुए काम पूरे होंगे।


मिथुन राशि (Gemini):

भविष्य के लिए किए जा रहे निवेश या संपत्ति के सौदे लाभकारी साबित होंगे। संतान सुख प्राप्त होगा। छात्रों को परीक्षा में अच्छे परिणाम मिलेंगे। इस समय की गई यात्राएं शुभ रहेंगी। मीडिया और शिक्षा क्षेत्र के लोगों के लिए यह समय प्रगति का संकेत दे रहा है।


कन्या राशि (Virgo):

प्रेम जीवन में नई शुरुआत हो सकती है। किसी खास व्यक्ति की एंट्री आपके जीवन में नई ऊर्जा लाएगी। कारोबार का विस्तार संभव है और निवेश से लाभ मिलेगा। धार्मिक कार्यों और पूजा-पाठ में मन लगेगा। पारिवारिक वातावरण सुखद रहेगा।


सिंह राशि (Leo):

इस पूर्णिमा पर आपके लिए करियर और सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि के योग हैं। आपको मान-सम्मान मिलेगा। कार्यक्षेत्र में नए अवसर प्राप्त होंगे और लंबे समय से रुके हुए कार्य पूर्ण होंगे। यात्रा के योग भी बन रहे हैं।


मकर राशि (Capricorn):

कठिन परिश्रम का फल मिलेगा। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। दांपत्य जीवन में खुशहाली आएगी। व्यवसाय में नया अनुबंध या साझेदारी फायदेमंद साबित होगी। आध्यात्मिकता की ओर झुकाव बढ़ेगा।


कुंभ राशि (Aquarius):

यह पूर्णिमा आपके जीवन में आत्मिक शांति लेकर आएगी। कोई पुराना विवाद समाप्त हो सकता है। कार्यक्षेत्र में सहयोगियों का साथ मिलेगा। प्रेम संबंधों में स्पष्टता आएगी। निवेश से दीर्घकालिक लाभ की संभावना है।


मीन राशि (Pisces):

भाग्य का साथ मिलेगा। कार्यक्षेत्र में सम्मान बढ़ेगा। यह समय आपके लिए आध्यात्मिक उन्नति का है। धार्मिक यात्रा के योग बन रहे हैं। धनलाभ और मनोकामना पूर्ति संभव है।


मेष राशि (Aries):

इस पूर्णिमा पर आपको नेतृत्व का अवसर मिलेगा। आत्मविश्वास बढ़ेगा और पराक्रम में वृद्धि होगी। व्यवसाय में नए समझौते फायदेमंद रहेंगे। समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी।


कर्क राशि (Cancer):

घर-परिवार में आनंद रहेगा। लंबित कार्य पूरे होंगे। करियर में उन्नति के अवसर मिलेंगे। माता-पिता का स्वास्थ्य बेहतर होगा। पूजा-पाठ और भक्ति में रुचि बढ़ेगी।


वृश्चिक राशि (Scorpio):

आपके लिए यह समय भावनात्मक और आर्थिक दोनों दृष्टि से शुभ रहेगा। अटका धन वापस मिल सकता है। प्रेम जीवन में मधुरता आएगी। धार्मिक कार्यों में भागीदारी बढ़ेगी।


धनु राशि (Sagittarius):

आर्थिक लाभ और मानसिक शांति दोनों मिलेंगे। किसी नए कार्य की शुरुआत के लिए यह दिन शुभ है। करियर में उन्नति के योग हैं। विदेश यात्रा के संकेत भी दिखाई दे रहे हैं।


तुला राशि (Libra):

कार्यस्थल पर मान-सम्मान बढ़ेगा। घर में कोई शुभ कार्य संपन्न होगा। आर्थिक स्थिरता आएगी। संतान पक्ष से सुख मिलेगा। प्रेम जीवन में सामंजस्य रहेगा।


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कार्तिक पूर्णिमा केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आध्यात्मिक शुद्धि और सकारात्मकता का पर्व है। इस दिन दीपदान, दान, व्रत और भगवान शिव-विष्णु की आराधना से जीवन में समृद्धि, शांति और सौभाग्य प्राप्त होता है।

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