आईएनएक्स मीडिया घोटाला मामला : अगली सुनवाई 10 सितंबर को, अदालत ने कहा— हर कोई भगोड़ा नहीं हो सकता
नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया डील मामले में आरोपी और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की ओर से दायर उस याचिका पर शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें उन्होंने विदेश यात्रा के लिए अदालत से पूर्व अनुमति लेने की शर्त में ढील की मांग की थी। इस पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कड़ा विरोध दर्ज कराया।

सांसद हैं, भागने का कोई खतरा नहीं: बचाव पक्ष
कार्ति चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने दलील दी कि वे एक लोकसभा सांसद हैं और नियमित रूप से संसद सत्रों में भाग लेते हैं, इसलिए उनके फरार होने की कोई संभावना नहीं है। उन्होंने तर्क दिया कि चूंकि वे एक जनप्रतिनिधि हैं, अतः उन्हें यात्रा की पूर्व अनुमति की बाध्यता से छूट मिलनी चाहिए।
विजय माल्या का हवाला, कोर्ट की सख्त टिप्पणी
CBI की ओर से पेश वकील अनूप एस. शर्मा ने इसका विरोध करते हुए कहा कि “सांसद तो विजय माल्या भी थे, लेकिन वे देश से भागकर लंदन में बस गए।” इस पर कोर्ट ने टिप्पणी की— “अगर एक व्यक्ति भाग गया, तो इसका यह मतलब नहीं कि हर कोई भाग जाएगा।“
अदालत ने इस याचिका पर विचार करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 10 सितंबर तय की है।
क्या है आईएनएक्स मीडिया घोटाला?
यह मामला 2017 में दर्ज एक प्राथमिकी (FIR) से जुड़ा है, जिसमें आरोप है कि कार्ति चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश की मंजूरी दिलवाने के बदले मोटी रिश्वत ली। यह मंजूरी फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) से दिलवाई गई थी।
इस मामले में CBI ने 15 मई 2017 को प्राथमिकी दर्ज की, वहीं प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 18 मई 2017 को मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित केस दर्ज किया था।
किन धाराओं में लगे हैं आरोप?
- IPC की धारा 120बी (आपराधिक साजिश)
- धारा 420 (धोखाधड़ी)
- भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 8, 12(2), और 13(1)(डी)
- PMLA की धारा 3 और 70
एफआईआर किनके आधार पर?
यह प्राथमिकी आईएनएक्स मीडिया की निदेशिका इंद्राणी मुखर्जी और मुख्य परिचालन अधिकारी पीटर मुखर्जी की शिकायत पर दर्ज की गई थी। इंद्राणी और पीटर पहले से ही शीना बोरा हत्याकांड के भी आरोपी हैं।
कौन-कौन हैं आरोपी?
इस मामले में पी. चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम के अलावा कई कंपनियों और व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें शामिल हैं:
- सुब्रमण्यम भास्करन
- एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग (सिंगापुर) लिमिटेड
- आईएनएक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड
- एडवांटेज एस्ट्रेटेजिया इस्पोर्टिवा एसएलयू
- क्रिया एफएमसीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड
- नॉर्थ स्टार सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड
दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 24 मार्च 2021 को ईडी द्वारा दाखिल आरोपपत्र (चार्जशीट) पर संज्ञान लिया था।
क्या कहते हैं जानकार?
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, यह मामला राजनीति और भ्रष्टाचार की सीमा रेखा पर खड़ा है। यदि अदालत कार्ति को शर्तों में ढील देती है, तो यह अन्य मामलों में भी एक उदाहरण बन सकता है। वहीं, CBI का विरोध यह दर्शाता है कि एजेंसियां इस केस को लेकर किसी भी तरह की ढील देने को तैयार नहीं हैं।
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