प्रयागराज, महाकुंभ नगर ब्यूरो: महाकुंभ के दौरान एक विवादास्पद घटना ने सभी का ध्यान खींचा है। कांटे वाले बाबा, जो दलित समाज से आते हैं और महाकुंभ में एक स्थान पर बैठे रहते हैं, के बारे में एक वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर फैल गया है। इस वीडियो में एक लड़की ने कांटे वाले बाबा को जलील करते हुए उनका वीडियो बनाया। इस घटना ने लोगों के बीच विभिन्न प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं, और कई लोग इस व्यवहार को शर्मनाक और असामाजिक मान रहे हैं।
कांटे वाले बाबा, जो पिछले कुछ वर्षों से महाकुंभ में एक तरह के “विरत” व्यक्ति के रूप में प्रसिद्ध हो गए हैं, उनकी यह आदत रही है कि वह लोगों से कुछ पैसे लेते हैं। यह बाबा महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं से छोटे-छोटे दान के रूप में पैसे लेते थे, जिन्हें बाद में वह खुद उठा लेते थे। इनका यह व्यवहार महाकुंभ के दौरान एक तरह की परंपरा बन चुका था, और बहुत से लोग उन्हें सम्मान देते हुए कुछ न कुछ दान करते थे।
वायरल वीडियो और विवाद
हाल ही में एक लड़की का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें उसने कांटे वाले बाबा को रोते हुए दिखाया। वीडियो में लड़की बाबा से पैसे लेने को लेकर उन्हें जलील कर रही थी, और उनके सम्मान को ठेस पहुंचाते हुए उन्हें शर्मिंदा किया। इस वीडियो ने तेजी से सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है, और लोग इसे एक असमाजिक और अपमानजनक कृत्य मान रहे हैं।
लड़की का यह व्यवहार कुछ लोगों के लिए अत्यधिक आपत्तिजनक साबित हुआ है, क्योंकि कांटे वाले बाबा अपनी व्यक्तिगत स्थितियों और परंपराओं में विश्वास रखते हुए लोगों से मदद ले रहे थे। अब इस घटना को लेकर विवाद बढ़ गया है, और कई लोग इस पर तीखी आलोचना कर रहे हैं। कुछ का कहना है कि यह बेहद शर्मनाक है, जबकि अन्य का मानना है कि इस प्रकार के असमाजिक तत्वों के खिलाफ प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
प्रशासन पर दबाव
इस घटना के बाद, प्रशासन और स्थानीय पुलिस पर भी सवाल उठने लगे हैं। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से अपील की है कि ऐसे असमाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि यह घटना पूरे महाकुंभ की छवि को नुकसान पहुंचा सकती है, और इस प्रकार के विडियो को फैलाना किसी भी रूप में उचित नहीं है।
कांटे वाले बाबा की यह घटना महाकुंभ में एक और विवाद का रूप ले चुकी है, जो समाज में विभिन्न प्रतिक्रियाओं का कारण बन चुकी है। एक ओर जहां कुछ लोग बाबा के व्यवहार को स्वीकार कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इसे गलत मानते हुए प्रशासन से कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं। इस घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया है कि महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन में हर किसी का व्यवहार और सम्मान अत्यंत महत्वपूर्ण है।