किसान आंदोलन पर टिप्पणी मामले में कंगना रनौत को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका
नई दिल्ली। किसान आंदोलन के दौरान की गई विवादित टिप्पणी मामले में भाजपा सांसद और फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को सर्वोच्च न्यायालय से राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि मामले को रद्द करने की उनकी याचिका सुनने से इनकार कर दिया। जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने स्पष्ट कहा कि यह कोई साधारण ट्वीट नहीं था, बल्कि इसमें उन्होंने “मसाला डालकर बात को और गंभीर बना दिया है।”
मामला कैसे शुरू हुआ?
यह विवाद 2020-21 के किसान आंदोलन के समय का है। कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर एक री-ट्वीट करते हुए दावा किया था कि पंजाब की किसान महिला महिंदर कौर वही “दादी” हैं, जो शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन में भी शामिल हुई थीं। उनके इस बयान को लेकर पंजाब के बठिंडा की 73 वर्षीय महिंदर कौर ने मानहानि का मुकदमा दायर किया। शिकायत में कहा गया कि कंगना ने झूठे आरोप लगाकर उनकी छवि खराब की और उन्हें बदनाम करने की कोशिश की।
कोर्ट की सुनवाई में क्या हुआ?
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कंगना रनौत की ओर से पेश वकीलों ने दलील दी कि उन्होंने सीधे तौर पर महिंदर कौर का नाम नहीं लिया था। उनके ट्वीट का संदर्भ केवल शाहीन बाग की आंदोलनकारी महिलाओं से था। साथ ही यह भी कहा गया कि कई लोगों ने उनके मूल ट्वीट को री-ट्वीट किया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उन्होंने किसी खास व्यक्ति पर व्यक्तिगत टिप्पणी की है।
इस पर न्यायाधीश संदीप मेहता ने कहा कि यह केवल साधारण री-ट्वीट का मामला नहीं है। कंगना ने उसमें अपनी तरफ से टिप्पणी जोड़कर इसे और गंभीर बना दिया। अदालत ने कहा कि ऐसे में यह ट्रायल कोर्ट का विषय है और वहां पर ही इसकी जांच और सुनवाई होगी।
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कंगना की मुश्किलें क्यों बढ़ीं?
कंगना ने दलील दी थी कि वे पंजाब जाकर ट्रायल का सामना नहीं कर सकतीं और ट्रायल कोर्ट ने उनके स्पष्टीकरण पर ध्यान नहीं दिया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि ट्रायल कोर्ट का दायित्व सिर्फ शिकायत की सामग्री पर गौर करना है, न कि आरोपी की सफाई पर। इस टिप्पणी के बाद यह साफ हो गया कि कंगना को अब पंजाब की निचली अदालत में पेश होकर ट्रायल का सामना करना होगा।
मानहानि का मुकदमा
महिंदर कौर की ओर से दाखिल मानहानि याचिका में कहा गया है कि कंगना की टिप्पणी से उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा और गरिमा को ठेस पहुंची है। सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ नकारात्मक टिप्पणियां हुईं और उनकी छवि धूमिल हुई। ऐसे में वे कानूनी कार्रवाई के जरिए न्याय चाहती हैं।
नतीजा
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने कंगना रनौत के सामने कानूनी चुनौतियां और बढ़ा दी हैं। अब उन्हें पंजाब की अदालत में ट्रायल का सामना करना होगा। किसान आंदोलन पर दिए गए बयानों और सोशल मीडिया पोस्ट्स को लेकर पहले भी कंगना कई बार विवादों में घिर चुकी हैं, लेकिन इस मामले ने उनके लिए कानूनी मोर्चे पर नई परेशानी खड़ी कर दी है।
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