Trending News

March 22, 2025 8:48 PM

राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल का निधन

राम मंदिर के पहले कार सेवक कामेश्वर चौपाल का निधन, दिल्ली में ली अंतिम सांस

दिल्ली में ली अंतिम सांस, पटना में होगा अंतिम संस्कार
1989 में कार सेवक के तौर पर रखी थी पहली ईंट

नई दिल्ली। अयोध्या में श्रीराम मंदिर के शिलान्यास में पहली ईंट रखने वाले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के आजीवन सदस्य और बिहार के पूर्व विधान परिषद सदस्य कामेश्वर चौपाल का निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के एक अस्पताल में 68 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। परिजनों के अनुसार, वे बीते कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे और इलाज के दौरान गुरुवार मध्य रात्रि को उनका देहांत हो गया। उनके निधन से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS), भारतीय जनता पार्टी (BJP), विश्व हिंदू परिषद (VHP) और पूरे हिंदू विचार परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है। संघ ने उन्हें ‘प्रथम कार सेवक’ का दर्जा दिया था। उनके पार्थिव शरीर को पटना ले जाया जा रहा है, जहां पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

राम मंदिर आंदोलन में निभाई थी अहम भूमिका

राम मंदिर आंदोलन के दौरान 9 नवंबर 1989 को जब अयोध्या में श्रीराम मंदिर के शिलान्यास की प्रक्रिया शुरू हुई, तब पहली ईंट रखने का गौरव कामेश्वर चौपाल को प्राप्त हुआ था। उन्होंने इस ऐतिहासिक क्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कामेश्वर चौपाल दलित समुदाय से आते थे और राम जन्मभूमि आंदोलन में उनकी भागीदारी ने पूरे समाज को एकजुट करने का संदेश दिया था। हिंदू समाज में सामाजिक समरसता का प्रतीक माने जाने वाले इस निर्णय ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद की सोच को भी दर्शाया था। उनके इस योगदान के कारण उन्हें हिंदू संगठनों में एक विशेष स्थान प्राप्त हुआ।

संघ से जुड़ाव और सामाजिक जीवन

कामेश्वर चौपाल का जन्म बिहार के सुपौल जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मधुबनी जिले में पूरी की। पढ़ाई के दौरान ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संपर्क में आए। उनके एक अध्यापक संघ के कार्यकर्ता थे, जिनकी प्रेरणा से उन्होंने संघ की गतिविधियों में रुचि ली और सक्रिय सदस्य बन गए। इसी दौरान उनकी शिक्षा जारी रखने के लिए संघ से जुड़े कार्यकर्ताओं ने उनकी मदद की। स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने संघ के प्रति पूर्ण रूप से समर्पण कर दिया। इसके बाद वे मधुबनी जिले के संघ प्रचारक बनाए गए।

राजनीतिक सफर

समाज सेवा और हिंदुत्व की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए कामेश्वर चौपाल ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थामा। उनकी राजनीतिक यात्रा में उन्हें बिहार विधान परिषद का सदस्य बनने का भी अवसर मिला। इसके अलावा, उन्हें राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का आजीवन सदस्य बनाया गया था, जहां वे श्रीराम मंदिर निर्माण कार्य से लगातार जुड़े रहे। वे अपने जीवनभर हिंदू समाज में समरसता और एकता स्थापित करने के लिए कार्यरत रहे।

निधन से शोक की लहर

उनके निधन की खबर से संघ परिवार, भाजपा, वीएचपी और कई हिंदू संगठनों में शोक व्याप्त हो गया है। सोशल मीडिया पर भी कई राजनीतिक और सामाजिक नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

अंतिम संस्कार की तैयारियां

परिवार ने बताया कि उनका पार्थिव शरीर पटना ले जाया जाएगा, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। संघ और भाजपा के वरिष्ठ नेता भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पटना पहुंच सकते हैं।

कामेश्वर चौपाल का जीवन राष्ट्र और धर्म के प्रति समर्पण का एक उदाहरण है। उनका योगदान हिंदू समाज और भारतीय राजनीति में हमेशा याद किया जाएगा।

Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram