दिल्ली सरकार में मंत्री रहे कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी (AAP) को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया है। बीजेपी में शामिल होने के बाद गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि उन्होंने यह फैसला किसी के दबाव में नहीं बल्कि सोच-समझ कर लिया है। उनके अनुसार, यह फैसला लेना आसान नहीं था क्योंकि उन्होंने पिछले कई सालों से AAP के लिए काम किया था और पार्टी के सिद्धांतों और विचारधारा से जुड़े रहे थे।
गहलोत ने कहा कि आम आदमी पार्टी के शुरुआती दौर में जो उद्देश्य और सोच थी, वह अब कहीं खो चुकी है। उन्होंने बीजेपी की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में देश तेज़ी से प्रगति की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बीजेपी के साथ जुड़कर वह और अधिक सकारात्मक तरीके से समाज और देश की सेवा कर सकेंगे।
कैलाश गहलोत के बीजेपी में शामिल होने से दिल्ली की राजनीति में हलचल मच गई है। वे अरविंद केजरीवाल के करीबी माने जाते थे और दिल्ली सरकार में परिवहन और राजस्व जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। गहलोत का बीजेपी में शामिल होना आने वाले विधानसभा चुनावों में एक बड़ी रणनीतिक चाल माना जा रहा है।
इस कदम से जहां बीजेपी को मजबूती मिलने की उम्मीद है, वहीं AAP को भी इससे झटका लग सकता है।