ज्योतिरादित्य सिंधिया ने असम में 635 करोड़ की परियोजनाओं का किया शुभारंभ, आईआईटी गुवाहाटी में उत्तर पूर्वी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (NEST) क्लस्टर का उद्घाटन
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने असम में 635 करोड़ की परियोजनाओं की आधारशिला रखी, IIT गुवाहाटी में NEST क्लस्टर का उद्घाटन
गुवाहाटी, 03 नवंबर (हि.स.)। पूर्वोत्तर भारत के वैज्ञानिक, औद्योगिक और सामाजिक विकास को नई दिशा देने के उद्देश्य से केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गुवाहाटी में उत्तर पूर्वी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (NEST) क्लस्टर का उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने असम में 635 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
यह आयोजन असम के औद्योगिक विकास और विज्ञान-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
🏗️ 635 करोड़ की विकास परियोजनाओं की रखी नींव
केंद्रीय संचार मंत्रालय के अनुसार, सिंधिया ने असम में बुनियादी ढांचे और शिक्षा से जुड़ी कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इनमें प्रमुख हैं —
65 नए माध्यमिक विद्यालय भवनों का निर्माण
चायगांव–उकिउम सड़क का उन्नयन कार्य
सिलोनिजन–धनसिरी पार घाट पर आरसीसी पुल का निर्माण
कोकराझार और बक्सा जिलों में औद्योगिक परिसर का विकास
इन परियोजनाओं से न केवल शिक्षा और परिवहन में सुधार होगा बल्कि असम में औद्योगिक निवेश और रोजगार सृजन को भी नई गति मिलेगी।
🔬 आईआईटी गुवाहाटी में NEST क्लस्टर का शुभारंभ
आईआईटी गुवाहाटी परिसर में 22.98 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित NEST (North East Science and Technology) क्लस्टर पूर्वोत्तर भारत के लिए नवाचार और अनुसंधान का प्रमुख केंद्र बनेगा।
यह क्लस्टर चार प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित रहेगा —
स्थानीय नवाचार (Local Innovation)
सेमीकंडक्टर और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Semiconductors & Artificial Intelligence)
बांस आधारित तकनीकें (Bamboo-based Technologies)
जैव प्लास्टिक और पर्यावरणीय तकनीकें (Bio-Plastics & Sustainability)
इस क्लस्टर का उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत को देश के तकनीकी मानचित्र पर अग्रणी स्थान पर लाना और युवाओं को स्टार्टअप्स, अनुसंधान और उद्यमिता से जोड़ना है।
👩🔬 ग्रामीण महिला नवाचारियों को सम्मानित किया गया
कार्यक्रम के दौरान मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जैव अपघटनीय (biodegradable) खिलौनों के निर्माण में प्रशिक्षित 30 ग्रामीण महिलाओं को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि इन महिलाओं को सूक्ष्म उद्योग (Micro Enterprises) स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार निरंतर सहयोग प्रदान करेगी।
मंत्री ने इस दौरान NEST क्लस्टर का प्रतीक चिन्ह (Logo) भी जारी किया, जिसे इन्हीं ग्रामीण महिलाओं ने तैयार किया है। यह लोगो “स्थानीय कौशल और वैश्विक नवाचार के संगम” का प्रतीक माना जा रहा है।
🌱 पूर्वोत्तर को ‘भूमि से जुड़े क्षेत्र’ के रूप में देखा जा रहा है: सिंधिया
सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर भारत अब “भूमि से घिरा क्षेत्र (Landlocked)” नहीं, बल्कि “भूमि से जुड़ा क्षेत्र (Land-linked Region)” बन चुका है।
उन्होंने कहा —
“पहले पूर्वोत्तर को देश के किनारे पर स्थित समझा जाता था, लेकिन आज यह भारत के विकास का प्रवेश द्वार (Gateway of Growth) बन चुका है। पूर्वोत्तर अब भारत की आर्थिक और रणनीतिक शक्ति का अहम हिस्सा है।”
🚆 असम के विकास की रफ्तार तेज: सिंधिया
सिंधिया ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले एक दशक में असम की संपर्क व्यवस्था और औद्योगिक विकास में ऐतिहासिक प्रगति हुई है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उल्लेख किया —
बोगीबील पुल — ब्रह्मपुत्र नदी पर बना यह पुल उत्तर और दक्षिण असम को जोड़ता है।
भूपेन हजारिका सेतु — भारत का सबसे लंबा पुल, जिसने अरुणाचल प्रदेश को असम से सीधे जोड़ा।
सेला सुरंग — सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यह सुरंग भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत कर रही है।
जोगीघोपा मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक पार्क — पूर्वोत्तर में व्यापार, परिवहन और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में नई क्रांति लाने वाला केंद्र।
उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं ने असम को देश के मुख्य औद्योगिक गलियारे से जोड़ा है और आने वाले वर्षों में यहां “ग्रीन इंडस्ट्री और डिजिटल इनोवेशन हब” के रूप में पहचान बनेगी।
आईआईटी गुवाहाटी में स्थापित यह क्लस्टर न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान का केंद्र होगा, बल्कि यह स्थानीय कारीगरों, महिला उद्यमियों और युवाओं को तकनीक से जोड़ने का मंच बनेगा। यहां स्टार्टअप्स के लिए इनक्यूबेशन सेंटर, AI आधारित प्रयोगशालाएं और बांस प्रौद्योगिकी पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
मंत्री ने कहा कि यह क्लस्टर आने वाले वर्षों में पूर्वोत्तर को आत्मनिर्भर भारत के वैज्ञानिक मॉडल के रूप में स्थापित करेगा।
🏛️ कार्यक्रम में वैज्ञानिकों और अधिकारियों की उपस्थिति
इस अवसर पर असम सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, आईआईटी गुवाहाटी के निदेशक, वैज्ञानिक समुदाय के प्रमुख सदस्य और विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने NEST क्लस्टर को “पूर्वोत्तर भारत का टेक्नोलॉजी इंजन” बताया।
🌟 सिंधिया का संदेश: पूर्वोत्तर भारत अब भारत के विकास की नई धुरी
सिंधिया ने कहा —
“पूर्वोत्तर भारत अब विकास की नई धुरी बन चुका है। यहां के युवा, वैज्ञानिक, महिलाएं और किसान भारत की भविष्य की ताकत हैं। केंद्र सरकार हर गांव, हर उद्योग और हर संस्थान को जोड़ने के मिशन पर काम कर रही है।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर अब न केवल “सांस्कृतिक रूप से समृद्ध” बल्कि “आर्थिक रूप से सक्षम क्षेत्र” बन रहा है।
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