हजारीबाग। झारखंड के हजारीबाग जिले के इचाक इलाके में महाशिवरात्रि के अवसर पर झंडा और लाउडस्पीकर लगाने के दौरान हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान उपद्रवियों ने हिंदू समुदाय के लोगों पर पथराव कर दिया और स्थिति तनावपूर्ण हो गई। हिंसा इतनी बढ़ गई कि एक कार और दो बाइक को आग के हवाले कर दिया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात कर दिए हैं, और अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
कैसे भड़की हिंसा?
बुधवार सुबह महाशिवरात्रि का झंडा और लाउडस्पीकर लगाने को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद शुरू हुआ। स्थानीय लोगों ने बताया कि झंडा और लाउडस्पीकर लगाने का काम चल रहा था तभी दूसरा पक्ष वहां आ पहुंचा और आपत्ति जताने लगा। मामले को शांत कराने के लिए पुलिस को बुलाया गया।
थाना प्रभारी संतोष कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन इसी दौरान उत्क्रमित मध्य विद्यालय डूमैरान, जहां एक मदरसा भी स्थित है, वहां से कुछ उपद्रवियों ने अचानक पत्थरबाजी शुरू कर दी। देखते ही देखते हिंसा फैल गई और दूसरे पक्ष के लोगों ने भी जवाब दिया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
- स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।
- वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और हालात को संभाला।
- अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और अन्य उपद्रवियों की पहचान की जा रही है।
हजारीबाग की उपायुक्त नैंसी सहाय ने कहा कि साउंड सिस्टम लगाने को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने बताया कि अब स्थिति नियंत्रण में है और इलाके में शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पथराव और आगजनी से सोशल मीडिया पर आक्रोश
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। कई यूजर्स ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए।
एक यूजर जितेंद्र प्रताप सिंह ने वीडियो साझा करते हुए लिखा –
“कांग्रेस को और वोट दो। महाशिवरात्रि पर झारखंड में दो पक्षों के बीच पत्थरबाजी हुई। मस्जिद से पत्थर फेंके गए, वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। जब तक भारत में रहेंगे, हिंदू स्वतंत्र रूप से अपना त्योहार नहीं मना सकता, क्योंकि इनकी संख्या बढ़ चुकी है।”
एक अन्य यूजर एस.के. गुप्ता ने लिखा –
“जब तक वोटबैंक की राजनीति हावी रहेगी, तब तक हिंदू त्योहारों पर पत्थर और तुष्टिकरण की राजनीति दोनों चलते रहेंगे।”
वहीं, कुछ लोगों ने यह भी लिखा कि “हिंदुओं को उनके त्योहार मनाने से रोका जा रहा है, लेकिन प्रशासन इस पर चुप्पी साधे हुए है।”
क्या हिंदुओं के त्योहारों पर हो रही हिंसा आम बात?
झारखंड की यह घटना कोई नई नहीं है। बीते कुछ वर्षों में हिंदू त्योहारों पर इस तरह की हिंसा की घटनाएं कई बार सामने आई हैं।
- 2023 में उत्तर प्रदेश के बहराइच में मां दुर्गा की विसर्जन यात्रा के दौरान मस्जिद से पथराव किया गया था।
- 2022 में दिल्ली में हनुमान जयंती के जुलूस पर हमला हुआ था।
- 2024 में पश्चिम बंगाल में रामनवमी शोभायात्रा पर बम फेंके गए थे।
- गणेशोत्सव और छठ पूजा जैसे त्योहारों पर भी कई बार हिंसा की खबरें सामने आ चुकी हैं।
प्रशासन की अगली कार्रवाई क्या होगी?
- पुलिस अब CCTV फुटेज और अन्य सबूतों की मदद से उपद्रवियों की पहचान कर रही है।
- गिरफ्तारी की संख्या बढ़ सकती है।
- इलाके में धारा 144 लागू करने पर विचार किया जा रहा है।
- मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है।
महाशिवरात्रि जैसे धार्मिक पर्व पर इस तरह की हिंसा ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में एक नई बहस छेड़ दी है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि कब तक हिंदुओं के त्योहारों को बाधित किया जाता रहेगा और क्या प्रशासन इस मामले में सख्त कदम उठाएगा या सिर्फ खानापूर्ति करेगा?
स्थिति को देखते हुए आगामी दिनों में पुलिस प्रशासन और सरकार की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।