• ट्रेन परिचालन पूरी तरह ठप हो गया और दोनों दिशाओं में ट्रेनें प्रभावित रहीं

सरायकेला। झारखंड में कुड़मी जाति को आदिवासी (एसटी) का दर्जा देने की मांग को लेकर शनिवार को उग्र आंदोलन हुआ। सरायकेला जिले में इस आंदोलन का सबसे बड़ा असर रेलवे ट्रैक पर देखा गया, जहां सीनी रेलवे स्टेशन पर हजारों प्रदर्शनकारी रेल पटरियों पर बैठ गए। इससे ट्रेन परिचालन पूरी तरह ठप हो गया और दोनों दिशाओं में ट्रेनें प्रभावित रहीं। दर्जनों ट्रेनें अलग-अलग स्टेशनों पर रुकी रहीं और कई गाड़ियां घंटों देरी से चलीं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी हुई।


आंदोलन की वजह और मांग

कुड़मी समाज के नेताओं ने कहा कि झारखंड राज्य के निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, लेकिन आज तक उन्हें सही अधिकार नहीं मिले। नेताओं प्रकाश महतो, सुनील महतो और आशुतोष महतो ने बताया कि यह आंदोलन पूर्व निर्धारित कार्यक्रम का हिस्सा है और सरकार कुड़मी जाति को एसटी का दर्जा देने तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

महिला प्रदर्शनकारियों ने भी मोर्चा संभाला। पार्वती देवी, अनीता देवी और मल्टी देवी ने कहा कि झारखंड पर उनका पहला हक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जल, जंगल और जमीन पर उनका अधिकार है और असली आदिवासी कुड़मी महतो ही हैं।


रेलवे और प्रशासन की स्थिति

रेल रोको आंदोलन के कारण जिला प्रशासन ने सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की। सीनी स्टेशन और आसपास के क्षेत्रों में पुलिस और आरएएफ के जवान तैनात किए गए हैं। अधिकारी मौके पर कैंप कर रहे हैं ताकि आंदोलनकारियों और यात्रियों के बीच किसी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, आंदोलन के कारण कई प्रमुख ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। कुछ ट्रेनों का मार्ग बदल दिया गया, जबकि कई को बीच रास्ते में ही रोकना पड़ा। लंबी दूरी की गाड़ियों में फंसे यात्रियों को भोजन और पानी की कमी का सामना करना पड़ा।


यात्रियों की मुश्किलें

अलग-अलग स्टेशनों पर यात्रियों का जमावड़ा लगा हुआ था। बच्चे, बुजुर्ग और अन्य यात्री घंटों फंसे रहे। कुछ यात्रियों ने बताया कि उन्होंने कई घंटे ट्रेन के अंदर बैठकर ही समय बिताया, जबकि कुछ को आस-पास के स्टेशनों पर इंतजार करना पड़ा।