📍 नई दिल्ली/जेवर — भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर विनिर्माण क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक कदम बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश के जेवर में देश के छठे सेमीकंडक्टर प्लांट को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। यह कदम ‘भारत सेमीकंडक्टर मिशन’ को और गति देने की दिशा में बेहद अहम माना जा रहा है।
💼 परियोजना का स्वरूप:
यह सेमीकंडक्टर यूनिट एचसीएल (HCL) और ताइवानी टेक्नोलॉजी कंपनी फॉक्सकॉन (Foxconn) का संयुक्त उपक्रम (Joint Venture) होगी। इस प्लांट की स्थापना यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र (YEIDA), जेवर एयरपोर्ट के पास की जाएगी। इस परियोजना में लगभग ₹3,700 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है।
🔧 निर्माण क्षमता:
संयंत्र को 20,000 वेफर्स प्रति माह की क्षमता के साथ डिजाइन किया गया है। इस वेफर से प्रतिमाह लगभग 3.6 करोड़ यूनिट डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का उत्पादन किया जा सकेगा। ये चिप्स मुख्य रूप से मोबाइल फोन, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल्स, पीसी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में उपयोग की जाएंगी।
🇮🇳 भारत सेमीकंडक्टर मिशन को मिलेगी मजबूती
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि यह यूनिट भारत के सेमीकंडक्टर निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र (ecosystem) को सशक्त बनाने में मील का पत्थर साबित होगी। देश में इससे पहले 5 अन्य सेमीकंडक्टर यूनिट्स को भी स्वीकृति दी जा चुकी है, जिनमें कार्य प्रगति पर है।

🏗️ यूपी में औद्योगिक विकास को मिलेगा नया आयाम
जेवर में सेमीकंडक्टर प्लांट की स्थापना उत्तर प्रदेश को देश के इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। साथ ही इससे युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और देश की तकनीकी आत्मनिर्भरता को मजबूती मिलेगी।
🛠️ क्या हैं डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स?
डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स (Display Driver Chips) वे अति-सूक्ष्म घटक होते हैं जो किसी भी स्क्रीन आधारित डिवाइस में इमेज और वीडियो को सुचारू रूप से चलाने में मदद करते हैं। ये चिप्स स्मार्टफोन, LED टीवी, मॉनिटर, कार डिस्प्ले आदि में उपयोग होते हैंप्रधानमंत्री मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ विज़न को साकार करने की दिशा में यह सेमीकंडक्टर प्लांट न केवल टेक्नोलॉजी आधारित भारत का सपना पूरा करेगा, बल्कि भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर निर्माण मानचित्र पर भी मजबूत करेगा।
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