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April 18, 2025 3:27 PM

जतिन पृथ्वीराज कपूर ला रहे ‘डाइनिंग विद द कपूर्स’, बोले– भोपाल ने मुझे खूबसूरत जीवनसाथी भी दिया

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भोपाल।
फिल्म जगत के दिग्गज पृथ्वीराज कपूर के नाती और मशहूर अभिनेता जतिन सियाल इन दिनों भोपाल दौरे पर हैं। गुरुवार को स्वदेश ज्योति से विशेष बातचीत में जतिन ने न सिर्फ अपने आगामी प्रोजेक्ट की जानकारी दी, बल्कि भोपाल से जुड़े अपने निजी रिश्ते को भी दिल से साझा किया। जतिन ने कहा, “भोपाल सिर्फ खूबसूरत शहर नहीं, यह मेरी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। इसी शहर ने मुझे एक खूबसूरत जीवनसाथी भी दिया है।”

नेटफ्लिक्स पर जल्द आएगा ‘डाइनिंग विद द कपूर्स’

जतिन ने बताया कि वे ‘डाइनिंग विद द कपूर्स’ नामक एक नए शो की तैयारी कर रहे हैं, जो जल्द ही नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ होगा। यह शो कपूर खानदान की निजी और पेशेवर ज़िंदगी की झलक पेश करेगा। जतिन ने कहा कि, “इस शो के माध्यम से दर्शकों को कपूर खानदान की विरासत, रिश्तों और संघर्षों को करीब से जानने का अवसर मिलेगा।” शो का निर्माण अरमान जैन कर रहे हैं, जो राज कपूर साहब के पोते हैं।

फिल्म इंडस्ट्री में ‘परिवारवाद’ से किया इनकार

जब फिल्म इंडस्ट्री में चल रहे ‘नेपोटिज्म’ यानी परिवारवाद के मुद्दे पर सवाल किया गया, तो जतिन ने स्पष्ट रूप से कहा, “मैं खुद एक उदाहरण हूं कि कपूर परिवार में होने के बावजूद, मैंने अपने दम पर ऑडिशन देकर फिल्मों में काम पाया है।” उन्होंने बताया कि फिल्म ‘आ अब लौट चले’ के लिए वे खुद आर.के. स्टूडियो गए थे और अभिनेता ऋषि कपूर से मिलकर ऑडिशन दिया।
“ऋषि कपूर ने मुझे रिश्तेदार की तरह नहीं, एक कलाकार की तरह देखा और मेरा ऑडिशन लेकर फिल्म में लिया। कोई सिफारिश नहीं थी, सिर्फ मेहनत थी,” जतिन ने कहा।

पृथ्वीराज कपूर को बताया ‘मील का पत्थर’

अपने दादा पृथ्वीराज कपूर की चर्चा करते हुए जतिन भावुक हो गए। उन्होंने कहा, “पृथ्वी साहब जैसे कलाकार के बारे में बात करने के लिए भी एक ओहदा चाहिए। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को एक नई दिशा दी। कपूर खानदान की सबसे बड़ी खूबी यही है कि हर सदस्य की अपनी पहचान है और वे कभी भी एक-दूसरे के काम में हस्तक्षेप नहीं करते।”

बेटियों को कला में आने की पूरी छूट

जब उनकी बेटियों के भविष्य को लेकर सवाल किया गया, तो जतिन ने मुस्कुराते हुए कहा, “वे अभी छोटी हैं, लेकिन मैंने उन पर कोई दबाव नहीं डाला है। अगर वे कला के क्षेत्र में आना चाहेंगी, तो मैं उनका पूरा साथ दूंगा।”

OTT बनाम सिनेमाघर पर जतिन की राय

OTT के बढ़ते चलन पर जतिन ने संतुलित दृष्टिकोण रखा। उन्होंने कहा, “बड़े पर्दे और ओटीटी दोनों के अपने मायने हैं। आज भले ही लोग कहें कि वे थिएटर नहीं जाएंगे क्योंकि फिल्म कुछ महीनों में ओटीटी पर आ जाएगी, लेकिन बड़ा पर्दा आज भी अपनी अहमियत बनाए हुए है। थियेटर का अनुभव कभी खत्म नहीं हो सकता।”

छोटे पर्दे से लेकर वेबसीरीज तक का सफर

जतिन सियाल ने 1991 में फिल्म ‘अजूबा’ से असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में करियर की शुरुआत की थी। उसके बाद उन्होंने ‘सांस’, ‘दर्द’, ‘संजीवनी’, ‘रिश्ते’, ‘तश्न-ए-इश्क’, ‘दरार’ और ‘परम्परा’ जैसे कई हिट टीवी सीरियल्स में अभिनय किया। वे कई वेबसीरीज और बॉलीवुड फिल्मों का भी हिस्सा रहे हैं।


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