July 12, 2025 3:22 PM

जापान ने इंटरनेट स्पीड में रचा इतिहास: 10.20 लाख Gbps की रफ्तार, 4K की 10,000 फिल्में एक सेकेंड में डाउनलोड

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जापान ने बनाया इंटरनेट स्पीड का नया वर्ल्ड रिकॉर्ड, 10 लाख Gbps की रफ्तार से उड़ाया सबको होश

जापान ने एक बार फिर इंटरनेट स्पीड के मामले में दुनिया को चौंका दिया है। जापान की एक रिसर्च टीम ने 10.20 लाख गीगाबिट्स प्रति सेकेंड (Gbps) की अद्भुत स्पीड हासिल की है, जो अब तक का सबसे तेज इंटरनेट कनेक्शन है। इतनी तेज स्पीड पर नेटफ्लिक्स की पूरी लाइब्रेरी या करीब 10,000 4K क्वालिटी की फिल्में महज एक सेकेंड में डाउनलोड की जा सकती हैं। अगर आप कोई 150 GB का वीडियो गेम डाउनलोड करना चाहें तो उसमें सिर्फ 3 मिली सेकेंड ही लगेंगे।

भारत और अमेरिका से कितनी ज्यादा तेज ये स्पीड?

अगर तुलना करें, तो:

  • भारत की औसत इंटरनेट स्पीड करीब 63.55 Mbps है। जापान की नई स्पीड इससे करीब 1.6 करोड़ गुना तेज है।
  • अमेरिका की औसत स्पीड से ये 35 लाख गुना ज्यादा है।

रिकॉर्ड फिर से जापान के नाम

इससे पहले भी इंटरनेट स्पीड का वर्ल्ड रिकॉर्ड जापान के ही नाम था। मार्च 2024 में जापानी वैज्ञानिकों ने 402 टेराबिट्स प्रति सेकेंड (Tbps) यानी 50,250 Gbps की स्पीड दर्ज की थी। उस समय यह रिकॉर्ड स्टैंडर्ड ऑप्टिकल फाइबर केबल का उपयोग कर बनाया गया था।

19-कोर ऑप्टिकल फाइबर से बना ये चमत्कार

इस बार रिकॉर्ड बनाने के लिए नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशंस टेक्नोलॉजी (NICT) और सुमितोमो इलेक्ट्रिक इंडस्ट्रीज की टीम ने मिलकर काम किया। उन्होंने जून 2025 में 1.02 पेटाबिट्स प्रति सेकेंड की डेटा स्पीड लैब में प्राप्त की। इसके लिए 19-कोर ऑप्टिकल फाइबर का इस्तेमाल किया गया, जो सामान्य फाइबर केबल जितनी ही पतली (0.125 मिमी) है लेकिन इसकी खास बात है कि इसमें 19 अलग-अलग कोर होते हैं।

इसे ऐसे समझिए:

  • सामान्य फाइबर केबल में सिर्फ एक कोर होता है, जिसमें डेटा एक ही लेन से गुजरता है।
  • लेकिन 19-कोर फाइबर 19-लेन वाले हाईवे की तरह काम करता है। हर कोर अलग-अलग डेटा ट्रांसमिट करता है, जिससे कुल स्पीड कई गुना बढ़ जाती है।

लंबी दूरी तक बिना सिग्नल कमजोर हुए डेटा ट्रांसफर

इतनी तेज स्पीड के साथ, डेटा को लंबी दूरी तक ट्रांसफर करना भी एक बड़ी चुनौती होती है। इसे पूरा करने के लिए शोधकर्ताओं ने खास तरह के एम्प्लिफायर्स का इस्तेमाल किया, जिससे 1,808 किलोमीटर दूर तक बिना सिग्नल की ताकत घटे डेटा पहुंचाया जा सका।

इसे ऐसे समझें जैसे कोई व्यक्ति लंबी दौड़ के दौरान थकने लगे, लेकिन बीच-बीच में उसे एनर्जी ड्रिंक मिल जाए, जिससे वो बिना थके दौड़ता रहे — ठीक वैसा ही काम ये एम्प्लिफायर्स करते हैं।


आम लोगों तक कब पहुंचेगी इतनी स्पीड?

भले ही ये तकनीक अभूतपूर्व है, लेकिन इसे आम लोगों तक पहुंचने में समय लगेगा। इसके पीछे कई वजहें हैं:

  1. उच्च लागत: इतने हाई-स्पीड नेटवर्क को लागू करने के लिए भारी निवेश की जरूरत होगी।
  2. डिवाइस सीमाएं: मौजूदा राउटर्स, कंप्यूटर और अन्य डिवाइस इस स्तर की स्पीड को हैंडल करने में सक्षम नहीं हैं।
  3. इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड: 19-कोर फाइबर मौजूदा फाइबर सिस्टम के साथ फिट हो सकता है, लेकिन बड़े पैमाने पर इसे फैलाने के लिए पूरे नेटवर्क को अपग्रेड करना पड़ेगा।

जापान का यह नया रिकॉर्ड इंटरनेट की दुनिया में क्रांति की ओर एक बड़ा कदम है। हालांकि यह तकनीक फिलहाल लैब तक ही सीमित है, लेकिन भविष्य में जब यह आम लोगों की पहुंच में आएगी, तब डेटा ट्रांसफर की हमारी परिभाषाएं ही बदल जाएंगी।



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