नई दिल्ली। काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने बुधवार को देशभर के लाखों छात्रों के लिए बहुप्रतीक्षित आईसीएसई (कक्षा 10वीं) और आईएससी (कक्षा 12वीं) बोर्ड परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए। इस साल का सबसे गौरवपूर्ण पल जमशेदपुर की छात्रा शांभवी जायसवाल के नाम रहा, जिन्होंने आईसीएसई 10वीं परीक्षा में 100 प्रतिशत अंक प्राप्त कर देश में पहला स्थान हासिल किया है।
शांभवी की ऐतिहासिक उपलब्धि
शांभवी ने 100% स्कोर कर न सिर्फ झारखंड, बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है। एक ओर जहां छात्र हर वर्ष टॉप स्कोर के करीब पहुंचने का प्रयास करते हैं, वहीं शांभवी का यह परफॉर्मेंस एक मिसाल बन गया है। उनका यह प्रदर्शन बताता है कि समर्पण, मेहनत और स्पष्ट लक्ष्य से कोई भी छात्र असंभव को संभव बना सकता है।
आईसीएसई और आईएससी का ओवरऑल रिजल्ट
इस वर्ष आईसीएसई (10वीं) परीक्षा में कुल 2,52,557 छात्रों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 2,50,249 छात्र सफल घोषित हुए। परीक्षा का कुल उत्तीर्ण प्रतिशत 99.09% रहा, जो देश में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता का प्रमाण है। वहीं, आईएससी (12वीं) परीक्षा में 99,551 छात्र शामिल हुए, जिनमें से 98,578 छात्र पास हुए। इस परीक्षा का कुल उत्तीर्ण प्रतिशत 99.02% रहा।
लड़कियों का दबदबा कायम
एक बार फिर बोर्ड परीक्षाओं में लड़कियों ने लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया है।
- आईसीएसई (10वीं) में
- लड़कियों का पास प्रतिशत: 99.37%
- लड़कों का पास प्रतिशत: 98.84%
- आईएससी (12वीं) में
- लड़कियों का पास प्रतिशत: 99.45%
- लड़कों का पास प्रतिशत: 98.64%
यह आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि शिक्षा में लैंगिक समानता के साथ-साथ बेटियां अब अग्रणी भूमिका में हैं।
परीक्षा की समय-सारिणी
- आईसीएसई (कक्षा 10वीं) की परीक्षाएं 21 फरवरी से 28 मार्च 2025 तक आयोजित की गई थीं।
- आईएससी (कक्षा 12वीं) की परीक्षाएं 13 फरवरी से 5 अप्रैल 2025 के बीच संपन्न हुईं।
काउंसिल का वक्तव्य
सीआईएससीई की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इस वर्ष परीक्षा परिणामों में छात्रों ने असाधारण प्रदर्शन किया है। कोविड-19 के बाद यह दूसरा सत्र है जब परीक्षाएं पूरी तरह ऑफलाइन मोड में हुईं और विद्यार्थियों ने इस बदलाव को सफलतापूर्वक अपनाया।
छात्रों के लिए मार्गदर्शन
रिजल्ट आने के बाद छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी गई है कि वे तनाव में न आएं। जिन छात्रों के अंक अपेक्षित नहीं आए हैं, उनके लिए सुधार के विकल्प भी मौजूद हैं। काउंसिल ने रीचेकिंग और पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया के बारे में भी विस्तृत जानकारी अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराई है।
शांभवी की यह सफलता उन हजारों छात्रों को प्रेरणा देती है, जो अपने सपनों को लेकर गंभीर हैं और पूरी लगन से मेहनत कर रहे हैं। देश को ऐसी मेधावी छात्राओं पर गर्व है।
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