- आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों की सख्त कार्रवाई जारी
राजौरी । जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों की सख्त कार्रवाई जारी है। राजौरी जिले के बीरंथुब इलाके में 7 अक्टूबर की रात आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ के बाद अब सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। मंगलवार की पूरी रात और बुधवार सुबह तक यह अभियान जारी रहा। जानकारी के अनुसार, इलाके में कम से कम चार आतंकियों के छिपे होने की आशंका है।
मुठभेड़ के बाद आतंकियों की जंगलों में भागने की सूचना
7 अक्टूबर की रात आतंकियों ने सुरक्षाबलों की टीम पर फायरिंग की थी। जवाबी कार्रवाई में दोनों ओर से कई राउंड गोलियां चलीं। गोलीबारी के बाद आतंकी अंधेरे का फायदा उठाकर जंगल की ओर भाग निकले। इसके बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया और तलाशी अभियान शुरू किया। सेना के ड्रोन और स्निफर डॉग्स की मदद से जंगलों में छिपे आतंकियों की तलाश की जा रही है।
राजौरी-कोटरणका-बुधाले रोड पर कड़ी निगरानी
सुरक्षाबलों ने बीरंथुब से लगने वाले राजौरी-कोटरणका-बुधाले मार्ग पर नाकाबंदी कर दी है। आने-जाने वाले सभी वाहनों की गहन जांच की जा रही है। स्थानीय निवासियों से भी संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने की अपील की गई है। सुरक्षा एजेंसियां इस बात की पुष्टि करने की कोशिश में हैं कि आतंकियों का ग्रुप किस संगठन से जुड़ा है और उनका लक्ष्य क्या था।
आतंकियों के संभावित नेटवर्क पर SIA की कार्रवाई
इसी बीच, स्टेट इंवेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने टेरर फंडिंग केस को लेकर बुधवार सुबह श्रीनगर, गांदरबल, वडगाम, अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां, कुलगाम, बारामूला, कुपवाड़ा, बांदीपुरा और गांदरबल जिलों में एक साथ छापेमारी की है। यह कार्रवाई आतंकवाद को आर्थिक मदद देने वाले नेटवर्क को तोड़ने के उद्देश्य से की जा रही है। एजेंसी ने कई संदिग्ध ठिकानों से दस्तावेज़, मोबाइल फ़ोन और डिजिटल उपकरण जब्त किए हैं। सूत्रों के मुताबिक, कुछ लोगों से पूछताछ भी चल रही है।
सितंबर में कुलगाम में हुआ था बड़ा एनकाउंटर
यह मुठभेड़ ऐसे समय में हुई है जब 8 सितंबर को कुलगाम जिले के गुड्डर इलाके में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया था। उस ऑपरेशन को सेना ने ‘ऑपरेशन गुड्डर’ नाम दिया था। मारे गए एक आतंकी की पहचान शोपियां के आमिर अहमद डार के रूप में हुई थी, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था और सितंबर 2023 से सक्रिय था। उस मुठभेड़ में दो जवान भी शहीद हुए थे। यह वही आतंकी था, जो पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जारी 14 वांछित आतंकियों की सूची में शामिल था।
राजौरी-पुंछ बेल्ट फिर आतंकियों के निशाने पर
राजौरी और पुंछ जिले पिछले कुछ महीनों से आतंकियों की गतिविधियों का केंद्र बने हुए हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में आतंकियों के समूहों की हलचल को देखते हुए सेना ने अपनी चौकसी बढ़ा दी है। बीरंथुब का इलाका घने जंगलों और ऊबड़-खाबड़ पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जिसके कारण सर्च ऑपरेशन चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।
स्थानीय नागरिकों को अलर्ट पर रखा गया
प्रशासन ने इलाके के लोगों से घरों में सुरक्षित रहने और किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को देने को कहा है। सुरक्षाबल गांवों में घर-घर जाकर तलाशी ले रहे हैं। स्कूल और बाजार सुरक्षा कारणों से अस्थायी रूप से बंद रखे गए हैं।
बढ़ी हुई सतर्कता और भविष्य की तैयारी
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि घाटी में आतंकियों की हालिया गतिविधियां सीमा पार से घुसपैठ की नई कोशिशों का हिस्सा हैं। सेना ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर भी निगरानी बढ़ा दी है। नाइट विजन कैमरे, थर्मल इमेजिंग और ड्रोन के जरिए लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है ताकि किसी भी घुसपैठ की कोशिश को समय रहते रोका जा सके।