नेशनल कॉन्फ्रेंस ने लाया स्थगन प्रस्ताव, स्पीकर ने कहा- मामला न्यायालय में विचाराधीन
श्रीनगर, 7 अप्रैल | स्वदेश ज्योति संवाददाता
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार को वक्फ कानून को लेकर तीखी नोकझोंक और जोरदार हंगामा देखने को मिला। विपक्षी नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने वक्फ एक्ट में हाल ही में किए गए बदलावों को लेकर सत्तापक्ष पर निशाना साधा और स्थगन प्रस्ताव के जरिए इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की। इसके विरोध में नेकां विधायकों ने सदन में जोरदार नारेबाजी की, जिससे विधानसभा की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
क्या है मामला?
नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता तनवीर सादिक ने वक्फ कानून को “मुस्लिम समुदाय के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप” बताते हुए इस पर चर्चा कराए जाने की मांग की। उनका आरोप था कि केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड के स्वरूप में बदलाव कर उसे पूरी तरह सरकारी नियंत्रण में लाया गया है, जिससे उसकी स्वतंत्रता और धार्मिक उद्देश्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
📢 “वक्फ बिल नामंजूर” के नारे
विधानसभा सत्र की शुरुआत में ही नेकां विधायकों ने “वक्फ बिल नामंजूर”, “इसे वापस लो”, “धार्मिक संस्थाओं पर हमला बंद करो” जैसे नारे लगाने शुरू कर दिए।
स्पीकर ने विपक्ष को शांत रहने और कार्यवाही चलने देने की अपील की, लेकिन हंगामा थमता नहीं दिखा।
⚖️ स्पीकर का जवाब: मामला न्यायालय में विचाराधीन
विधानसभा अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि वक्फ एक्ट से संबंधित मामला फिलहाल न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए इस पर सदन में चर्चा संवैधानिक रूप से अनुमेय नहीं है।
उन्होंने विपक्ष को संयम बरतने की सलाह दी, लेकिन विपक्षी दल इससे संतुष्ट नहीं हुए।
भाजपा का रुख
विधानसभा में भाजपा विधायकों ने पहले ही प्रश्नकाल को सुचारु रूप से चलाने की मांग रखी थी। भाजपा ने विपक्षी दलों पर सदन को राजनीतिक मंच की तरह प्रयोग करने का आरोप लगाया और कहा कि वक्फ एक्ट में हुए संशोधन कानून व्यवस्था और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए किए गए हैं।
कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित
विपक्ष के नारेबाज़ी और बैनर लहराने की वजह से विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभिक 15 मिनट के भीतर ही स्थगित करनी पड़ी।
स्पीकर ने कहा कि हंगामे के बीच सदन का संचालन असंभव है, और कार्यवाही दोबारा शुरू होने तक सभी सदस्यों से शांतिपूर्वक व्यवहार की अपेक्षा की गई।
🔍 क्या है नया वक्फ कानून?
जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड को केंद्र सरकार ने हाल में ही पुनर्गठित किया है। इसके तहत वक्फ की संपत्तियों के प्रबंधन, संचालन और उपयोग में केंद्रीय हस्तक्षेप और प्रशासनिक निगरानी को अधिकृत किया गया है।
इस बदलाव को लेकर कई मुस्लिम धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने विरोध दर्ज कराया है, और इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!