जैसलमेर। भारत की एयर स्ट्राइक के जवाब में पाकिस्तान की ओर से राजस्थान के 5 सैन्य ठिकानों पर हमला किया गया। हालांकि भारतीय सेना की मुस्तैदी ने सभी ड्रोन हमलों को हवा में ही नाकाम कर दिया। बुधवार और गुरुवार की रातों में ड्रोन से हमले की कोशिश की गई थी, जिसे सेना ने विफल कर दिया। लेकिन शुक्रवार सुबह जैसलमेर के एक रिहायशी इलाके में एक जिंदा बम मिलने से हड़कंप मच गया।
सेना ने इलाके को किया सील, बम डिस्पोजल टीम तैनात
बम मिलने की सूचना मिलते ही सेना और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर इलाके को सील कर दिया है। बम डिस्पोजल स्क्वॉड मौके पर तैनात है और आस-पास के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। लोगों को फिलहाल घरों में ही रहने की सलाह दी गई है।
1971 के बाद पहली बार इतना बड़ा खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार, 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद यह पहला मौका है जब जैसलमेर और आसपास के सीमावर्ती जिलों में इस स्तर की सुरक्षा हलचल और खतरे का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले पिछले दो दिनों में पाकिस्तानी ड्रोन द्वारा भेजे गए विस्फोटक उपकरणों को भारतीय सेना ने सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया था।
6 जिलों में रातभर ब्लैकआउट
सुरक्षा कारणों से गुरुवार रातभर राजस्थान के 6 सीमावर्ती जिलों में ब्लैकआउट रखा गया। इसमें जैसलमेर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर और जोधपुर शामिल हैं। इन जिलों के एयरपोर्ट्स को भी फिलहाल 10 मई तक बंद कर दिया गया है।
ट्रेनों पर भी असर, कुछ गांव खाली कराए गए
- बाड़मेर में 4 ट्रेनें आज रद्द कर दी गई हैं, जबकि जैसलमेर से चलने वाली 2 ट्रेनें आंशिक रूप से रद्द की गई हैं।
- सीमा के पास स्थित कुछ गांवों को एहतियात के तौर पर खाली कराया गया है और लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।
सेना की निगरानी और सतर्कता चरम पर
राजस्थान की सीमाओं पर थलसेना, वायुसेना और बीएसएफ की निगरानी को बढ़ा दिया गया है। आर्मी इंटेलिजेंस के अनुसार आने वाले दिनों में पाकिस्तान की ओर से फिर ऐसी गतिविधियों की आशंका है, इसलिए सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट हैं।
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