कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बजट 2025 पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट में कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात को विकास के चार इंजन बताया था, लेकिन बजट इन सभी योजनाओं से पूरी तरह से पटरी से उतर गया है। उनका आरोप था कि सरकार ने बजट को तैयार करते समय इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों को सही तरीके से प्राथमिकता नहीं दी, जिससे विकास की गति रुक गई है।
चार इंजनों का दावा, लेकिन परिणाम शून्य
रमेश ने कहा कि वित्त मंत्री ने विकास को गति देने के लिए चार इंजन, यानी कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात की बात की थी, लेकिन इन इंजन की तरह बजट पूरी तरह से विफल हो गया। उनका कहना था कि इतने सारे इंजन होने के बावजूद बजट में कोई ठोस दिशा नजर नहीं आई, और परिणामस्वरूप यह पूरी तरह से पटरी से उतर गया। इसके कारण देश की आर्थिक स्थिति में सुधार की कोई ठोस उम्मीद नहीं दिखती है, और विकास की राह पर भी कोई सकारात्मक असर नहीं पड़ा है।
बिहार के लिए घोषणाओं की झड़ी, आंध्र प्रदेश की उपेक्षा
जयराम रमेश ने बिहार के लिए किए गए घोषणाओं का भी जिक्र किया, जो बजट में विशेष रूप से शामिल की गई थीं। उन्होंने कहा कि यह स्वाभाविक है, क्योंकि बिहार में इस साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं, और ऐसे में राज्य के लिए कई घोषणाएं की गई हैं। हालांकि, उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि एनडीए के दूसरे स्तंभ आंध्र प्रदेश को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है। उनके अनुसार, जब राज्य को अपनी जरूरतें और योजनाएं पूरी करने के लिए सहायता की आवश्यकता थी, तो बजट में आंध्र प्रदेश के लिए कोई विशेष घोषणा नहीं की गई।
विकास का इंजन कमजोर क्यों?
रमेश ने यह भी कहा कि विकास का इंजन कमजोर क्यों हो गया? यह सवाल सरकार से पूछा जाना चाहिए। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि इस बजट में आम आदमी, किसानों और छोटे व्यवसायियों के हितों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है। उनका कहना था कि वित्त मंत्री ने जिन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी थी, वे पूरी तरह से उनके उद्देश्य में सफल नहीं हो पाए।