August 30, 2025 10:54 PM

टैरिफ ने तोड़ी जयपुर के आभूषण निर्यातकों की कमर, अमेरिकी बाजार में अटका कारोबार

नई दिल्ली/जयपुर। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का फैसला जयपुर के आभूषण उद्योग पर किसी बड़े झटके से कम नहीं है। गुलाबी नगरी की पहचान रहे रत्न और आभूषण निर्यात अब ठप होते नजर आ रहे हैं। जिन गलियों में कभी सोने-चांदी और रत्नों की खनक गूंजती थी, वहां अब चिंता और सन्नाटा पसरा है।

जयपुर की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर

जयपुर की अर्थव्यवस्था में रत्न और आभूषण उद्योग की भूमिका बेहद अहम है। यह न केवल स्थानीय स्तर पर लाखों लोगों को रोजगार देता है, बल्कि विदेशी मुद्रा अर्जन का भी सबसे बड़ा साधन है। राजस्थान से हर साल लगभग 18,000 करोड़ रुपये का रत्न-आभूषण निर्यात होता है, जिसमें से अकेले अमेरिका को 3,200 करोड़ रुपये मूल्य के तैयार गहने और रंगीन रत्न भेजे जाते हैं। अमेरिका, जयपुर का सबसे बड़ा बाजार माना जाता है। ऐसे में ट्रंप का टैरिफ फैसला व्यापारियों और कारीगरों के लिए बेहद कठिनाई खड़ी कर रहा है।

जौहरी बाजार में पसरा सन्नाटा

जयपुर का प्रसिद्ध जौहरी बाजार, गोपाल जी का रास्ता और अन्य गलियां, जहां पारंपरिक जौहरी और कारीगर अपनी कला से दुनिया को मोहित करते रहे हैं, आज चिंता से भरे दिख रहे हैं। कुंदन-पोल्की सेट, मीनाकारी के गहने और रंगीन रत्नों से सजे आभूषणों का निर्यात अब सवालों के घेरे में है।

जेम पैलेस के मालिक ने जताई चिंता

जयपुर के मशहूर जेम पैलेस के मालिक सुधीर कासलीवाल ने कहा, “हमारे निर्यात ऑर्डर पूरी तरह ठप हो गए हैं। खरीदार नए ऑर्डर देने के लिए तैयार नहीं हैं। हमारे यहां आने वाले लगभग 70% विदेशी पर्यटक अमेरिकी होते हैं, और अब वे खरीदारी से बचेंगे क्योंकि उन्हें अपने देश में भारी शुल्क देना पड़ेगा।” कासलीवाल परिवार पीढ़ियों से जयपुर के शाही परिवार के निजी जौहरी रहे हैं। ओपरा विन्फ्रे और जैकलीन कैनेडी जैसी अंतरराष्ट्रीय हस्तियां भी इस स्टूडियो से खरीदारी कर चुकी हैं। लेकिन अब अमेरिकी टैरिफ इनके पारंपरिक कारोबार पर बड़ा संकट बन गया है।

क्रिसमस के ऑर्डर रद्द, गहने गोदामों में धूल फांक रहे

जयपुर ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आलोक सोंखिया ने बताया, “इस समय तक हमें क्रिसमस के ऑर्डर मिल जाते थे, लेकिन एक भी ऑर्डर नहीं आया। जिन निर्यातकों की खेप अमेरिका पहुंच चुकी है, वहां ग्राहक उसे उठाने तक को तैयार नहीं हैं।” इस स्थिति ने कारोबारियों को गहरी आर्थिक परेशानी में डाल दिया है। कई खेप अब गोदामों में धूल खा रही हैं।

रंगीन रत्न उद्योग पर भी संकट

जयपुर न सिर्फ आभूषणों, बल्कि रंगीन रत्नों की कटाई और पॉलिशिंग के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है। पन्ना, तंजानाइट, रूबीलाइट, मॉर्गनाइट और एक्वामरीन जैसे रत्न यहां से बड़ी मात्रा में निर्यात होते हैं। लेकिन टैरिफ लागू होने से यह कारोबार भी प्रभावित होगा।

कारीगरों पर रोजगार संकट

जयपुर के हजारों कारीगर, जो पीढ़ियों से आभूषण और रत्नों की कला को संजोए हुए हैं, आज असुरक्षा की स्थिति में हैं। निर्यात बंद होने से काम की कमी और रोजगार संकट मंडराने लगा है।

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