जयपुर में 200 सिलेंडर ब्लास्ट के बाद टैंकर से जहरीले केमिकल का रिसाव, एक की मौत, 5 घायल
जयपुर। राजधानी जयपुर के मोखमपुरा क्षेत्र में मंगलवार देर रात एक भयावह हादसे ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया। जयपुर-अजमेर हाईवे पर एलपीजी सिलेंडरों से भरे एक ट्रक और केमिकल टैंकर की जोरदार टक्कर के बाद आग लग गई, जिससे एक-एक कर करीब 200 सिलेंडर फट गए। हादसे में टैंकर चालक रामराज मीणा (35) की मौके पर ही जलकर मौत हो गई, जबकि 5 लोग घायल हुए हैं।
रातभर आग की लपटों से जूझने के बाद जब बुधवार सुबह रेस्क्यू दल टैंकर को हटाने की कोशिश कर रहा था, तभी उसमें से जहरीले केमिकल का रिसाव शुरू हो गया। इससे एक बार फिर अफरातफरी मच गई। पुलिस ने तत्काल इलाके को घेरकर बैरिकेडिंग की और आसपास के ढाबों व रेस्टोरेंटों को खाली कराया।
रातभर चलता रहा रेस्क्यू, सुबह 4.30 बजे खुला हाईवे
हादसा मंगलवार देर रात करीब 10 बजे हुआ। टक्कर के बाद जब एलपीजी ट्रक में आग लगी तो देखते ही देखते आसमान तक लपटें उठने लगीं। आग की तीव्रता इतनी थी कि ट्रक के पास खड़ी 5 गाड़ियां भी जलकर खाक हो गईं।
दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और करीब 6 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
पुलिस ने पूरी रात जयपुर-अजमेर हाईवे को बंद रखकर ट्रैफिक डायवर्ट किया। बुधवार सुबह 4.30 बजे जाकर हाईवे को फिर से खोला गया। हालांकि, सुबह 10 बजे तक जाम की स्थिति बनी रही और कई किलोमीटर लंबा ट्रैफिक ठहर गया।
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कैसे हुआ हादसा: आरटीओ चेकिंग से बचने के चक्कर में गई जान
पुलिस जांच के अनुसार केमिकल टैंकर गुजरात से जयपुर की ओर आ रहा था। मोखमपुरा के पास महावीर ढाबे के सामने आरटीओ की नियमित चेकिंग चल रही थी। बताया जा रहा है कि ड्राइवर रामराज मीणा आरटीओ चेकिंग से बचने के लिए घबरा गया और उसने टैंकर को ढाबे की तरफ मोड़ दिया।
इसी दौरान वहां पहले से खड़ा एलपीजी सिलेंडरों से लदा ट्रक मौजूद था। तेज रफ्तार में आए टैंकर ने उसे पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि टैंकर का केबिन पलभर में आग की लपटों में घिर गया। इसी आग की चिंगारी से एलपीजी सिलेंडर एक-एक कर फटने लगे, जिससे पूरे इलाके में धमाकों की आवाज गूंज उठी।
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जानलेवा केमिकल का रिसाव: सुबह फिर मची अफरातफरी
घटना के बाद जब दमकलकर्मी और पुलिस दल सुबह टैंकर को हटाने पहुंचे, तभी उसमें से जहरीले केमिकल का रिसाव शुरू हो गया। इससे दोबारा घबराहट और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
पुलिस ने तुरंत रेस्क्यू टीम को पीछे हटाया और पूरे क्षेत्र को सील कर दिया। आसपास के रेस्टोरेंट, ढाबे और पेट्रोल पंपों को भी सावधानी के तौर पर खाली कराया गया।
फायर विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह केमिकल ज्वलनशील और विषैला दोनों था। हालांकि, सौभाग्य से इसने आग नहीं पकड़ी। रासायनिक सुरक्षा दल (Hazmat Team) को मौके पर बुलाया गया, जिसने रिसाव को नियंत्रित किया।
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5 लोग घायल, एक की मौत; एनएचएआई की लापरवाही पर उठे सवाल
इस हादसे में टैंकर चालक रामराज मीणा की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य लोग झुलस गए। सभी को जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि मोखमपुरा क्षेत्र में यह एक साल के भीतर दूसरी बार ऐसा हादसा हुआ है। इससे पहले भी इसी इलाके में आगजनी की घटना हुई थी। लगातार हो रही घटनाओं के कारण एनएचएआई की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल उठने लगे हैं। लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में ट्रकों की अनियंत्रित गति और सुरक्षा निगरानी की कमी ऐसे हादसों का मुख्य कारण है।
प्रशासन और पुलिस ने क्या कहा
डीसीपी वेस्ट जयपुर ने बताया कि हादसे के बाद तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया था।
“केमिकल रिसाव की सूचना मिलते ही इलाके को घेरकर खाली कराया गया। फायर ब्रिगेड और रासायनिक विशेषज्ञों की टीम ने टैंकर को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर रिसाव पर नियंत्रण पाया। स्थिति अब पूरी तरह सामान्य है,”
उन्होंने कहा कि घटनास्थल की जांच की जा रही है और लापरवाही सामने आने पर कार्रवाई होगी।
स्थानीय लोगों में दहशत
हादसे के बाद मोखमपुरा और आसपास के ग्रामीण इलाकों में दहशत का माहौल है। कई लोगों ने बताया कि देर रात हुए सिलेंडर विस्फोटों से पूरा इलाका कांप उठा था। धमाकों की आवाजें कई किलोमीटर दूर तक सुनी गईं।
स्थानीय निवासी रमेश चौधरी ने बताया, “हमने सोचा भूकंप आ गया है। बाहर निकले तो आग की लपटें आसमान तक जा रही थीं। लोगों ने किसी तरह जान बचाई।”
हादसे से सबक और जरूरत
विशेषज्ञों का मानना है कि खतरनाक पदार्थों (Hazardous Materials) से भरे टैंकरों की आवाजाही पर सख्त निगरानी जरूरी है।
इसके अलावा, राष्ट्रीय राजमार्गों पर आरटीओ चेकिंग के तरीके में भी सुधार की जरूरत है, ताकि ड्राइवर घबराहट में ऐसे खतरनाक कदम न उठाएं।
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