हैदराबाद। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ एक हिट एंड रन मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह मामला 18 जून को गुंटूर जिले के एतुकुरु बाइपास पर घटित हुआ, जब जगन रेड्डी का रोड शो निकाला जा रहा था। इस दौरान उनकी कार की चपेट में आकर 53 वर्षीय वाईएसआरसीपी कार्यकर्ता चीली सिंघैया की मौत हो गई। रविवार देर रात गुंटूर के पुलिस अधीक्षक एस. सतीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी पुष्टि की।
फूल फेंकते समय गिरा कार्यकर्ता, गाड़ी की चपेट में आया
पुलिस के अनुसार, मृतक सिंघैया रोड शो के दौरान जगन के काफिले पर फूल बरसा रहा था। इसी दौरान वह फिसलकर नीचे गिर गया और तेज़ रफ्तार में गुजरती एक गाड़ी की चपेट में आ गया। हादसे के तुरंत बाद कोई वाहन नहीं रुका और काफिला आगे बढ़ गया। हाईवे पेट्रोलिंग पुलिस की मदद से उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज शुरू होने से पहले ही उसकी मृत्यु हो गई।
पहले पुलिस ने जगन की कार को बताया था निर्दोष
हादसे के तुरंत बाद पुलिस ने दावा किया था कि मृतक को टक्कर मारने वाली गाड़ी जगन की नहीं थी। लेकिन जब सीसीटीवी और रोड शो के वीडियो सामने आए, तो मामला पलट गया। वीडियो फुटेज में जगन की कार के बेहद करीब हादसा होते देखा गया। इसके बाद जिला पुलिस प्रशासन ने केस दर्ज करने की पुष्टि की।

हादसे के समय कार्यकर्ता के परिवार से मिलने जा रहे थे जगन
यह घटना तब हुई जब जगन मोहन रेड्डी पालनाडु जिले के रेंटापल्ला गांव जा रहे थे। वहां वे एक वाईएसआरसीपी कार्यकर्ता के परिवार से मिलने जा रहे थे, जिसने पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी। इसी घटना के समर्थन में रोड शो आयोजित किया गया था।
मृतक भी था वाईएसआरसीपी का सक्रिय सदस्य
मृतक चीली सिंघैया स्वयं भी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता था। उसकी मृत्यु के बाद पार्टी और स्थानीय कार्यकर्ताओं में नाराज़गी और शोक दोनों देखने को मिल रहे हैं। यह मामला इसलिए और संवेदनशील हो गया है क्योंकि मृतक पार्टी का समर्थक था और उसी के नेता के काफिले में उसकी जान गई।

विपक्ष का आरोप – ‘नेता की गाड़ी कुचल दे और कोई जवाबदेही न हो?’
इस पूरे मामले को लेकर विपक्षी दलों ने वाईएसआरसीपी और जगन मोहन रेड्डी पर तीखा हमला बोला है। तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रवक्ताओं ने सवाल उठाए हैं कि “यदि कोई आम नागरिक किसी को कुचल दे, तो उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाता है। लेकिन जब एक पूर्व मुख्यमंत्री की गाड़ी से यह होता है, तो कार्रवाई में देरी क्यों?”
पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल
शुरुआत में पुलिस द्वारा घटना को ‘अलग गाड़ी से हुआ हादसा’ बताने पर भी सवाल उठ रहे हैं। अब जबकि वीडियो फुटेज सामने आ चुके हैं, पुलिस को केस दर्ज करना पड़ा। एसपी सतीश कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि जांच के आधार पर संबंधित वाहन और ड्राइवर की पहचान की जा रही है और जरूरत पड़ने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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