जबलपुर को मिली 7 किमी लंबी सौगात – प्रदेश का सबसे बड़ा फ्लाईओवर और कटनी में माइनिंग कॉन्क्लेव की शुरुआत

4250 करोड़ की सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास, कटनी में आज से माइनिंग कॉन्क्लेव की शुरुआत

जबलपुर। शनिवार का दिन महाकौशल की धरती के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जबलपुर में प्रदेश के सबसे लंबे फ्लाईओवर का लोकार्पण किया। 7 किलोमीटर लंबा यह फ्लाईओवर वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर समर्पित किया गया है।

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इस अवसर पर गडकरी ने 4250 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 174 किलोमीटर लंबी 9 सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया। लोकार्पण समारोह मदनमहल चौक पर हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग मौजूद रहे।

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फ्लाईओवर से जबलपुरवासियों को बड़ी राहत

मदनमहल से दमोह नाका तक की 7 किमी की दूरी अब महज 7 मिनट में पूरी होगी। पहले इस मार्ग पर 45 मिनट तक जाम में फंसना आम बात थी। इससे शहर के यातायात पर भी दबाव कम होगा और लोगों को सुगम यात्रा मिलेगी।

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गडकरी बोले – “घोषणाएं करनी पड़ती हैं, लेकिन उन्हें पूरा भी करना पड़ता है”

गडकरी ने कार्यक्रम में कहा कि इस फ्लाईओवर का विचार तब आया था जब प्रदेश में कांग्रेस सरकार थी और कमलनाथ मुख्यमंत्री थे। उन्होंने बताया – “मैंने कमलनाथ जी से कहा कि आप इसे सीआरएफ (Central Road Fund) में भेज दीजिए, मैं राष्ट्रीय राजमार्ग से दोगुना पैसा दूंगा। उन्होंने प्रस्ताव भेजा और आज जनता को एक ऐतिहासिक फ्लाईओवर मिल रहा है। देश में पहली बार इतना बड़ा प्रोजेक्ट सीआरएफ फंड से मंजूर हुआ।”

गडकरी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी का उदाहरण देते हुए कहा – “अमेरिका धनवान इसलिए नहीं है कि उसके रास्ते अच्छे हैं, बल्कि अमेरिका के रास्ते अच्छे हैं इसलिए वह धनवान है।”


117 किमी रिंग रोड और लॉजिस्टिक पार्क की सौगात

प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि जबलपुर को अब 117 किमी लंबा रिंग रोड भी मिलेगा, जिसकी लागत 4000 करोड़ रुपये होगी। इस पर दो लॉजिस्टिक पार्क भी विकसित होंगे।

उन्होंने कहा कि गडकरी के प्रयास से न केवल फ्लाईओवर बल्कि बिलासपुर तक नेशनल हाईवे, केबल कार, आइकॉनिक ब्रिज और हाई-टेक बसें जैसी सौगातें भी मिली हैं। राकेश सिंह ने कहा – “यह फ्लाईओवर जबलपुर को एक उन्नत महानगर की दिशा में ले जाएगा और महाकौशल क्षेत्र के लिए ताज की तरह है।”

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निर्माण के दौरान आई थीं चुनौतियाँ

  1. लगभग 7 महीने पहले ब्रिज की ऊपरी सतह पर दरारें आने से गुणवत्ता पर सवाल उठे थे। बाद में जांच दल ने इसकी तकनीकी जांच की।
  2. दो माह पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने समय से पहले फ्लाईओवर का उद्घाटन करने की कोशिश की थी। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। विपक्ष का आरोप था कि राजनीतिक खींचतान की वजह से जनता को फ्लाईओवर का लाभ देर से मिल रहा है।

सांसद आशीष दुबे की मांग

जबलपुर सांसद आशीष दुबे ने इस मौके पर कहा कि फ्लाईओवर से शहर को बड़ी सौगात मिली है। उन्होंने गडकरी से आग्रह किया कि जबलपुर से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व तक सीधी सड़क बनाई जाए। इससे 150 किमी की दूरी घटकर 90 किमी रह जाएगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।


कटनी में आज से माइनिंग कॉन्क्लेव 2.0

इधर, प्रदेश की दूसरी माइनिंग कॉन्क्लेव 2.0 शनिवार से कटनी में शुरू हो रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इसका उद्घाटन करेंगे।

  • इसमें 2000 से ज्यादा प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है।
  • फोकस रहेगा क्रिटिकल मिनरल्स और रेयर अर्थ मेटल्स पर।
  • कॉन्क्लेव में कोल इंडिया लिमिटेड और मप्र खनिज विभाग के बीच खनन संबंधी एमओयू होंगे।
  • मप्र राज्य खनिज निगम और टैक्समिन, साथ ही खनिज निगम और IISER भोपाल के बीच भी समझौते होंगे।

मुख्यमंत्री कॉन्क्लेव में कोयला, ऊर्जा, हाइड्रोकार्बन, सीमेंट और चूना पत्थर उद्योग से जुड़े उद्यमियों के साथ वन-टू-वन चर्चा करेंगे।



वीरांगना रानी दुर्गावती फ्लाईओवर सिर्फ एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं है, बल्कि यह जबलपुर और महाकौशल क्षेत्र की नई पहचान बनने जा रहा है। वहीं कटनी का माइनिंग कॉन्क्लेव प्रदेश को खनिज संसाधनों के क्षेत्र में नई दिशा देगा।