मध्य पूर्व में तनाव चरम पर है। शुक्रवार सुबह इजराइल ने ईरान की राजधानी तेहरान सहित कई रणनीतिक और परमाणु ठिकानों पर एक साथ हमला बोल दिया। इस हमले को इजराइल ने "रोकथाम की कार्रवाई" बताया है, वहीं ईरान ने इसे अपनी संप्रभुता पर सीधा हमला करार दिया है।

राजधानी तेहरान में पहला हमला, 3 इमारतें ध्वस्त

न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, तेहरान में शाहरक शाहिद महालती नाम की जगह पर हुए हमले में तीन इमारतें पूरी तरह तबाह हो गईं। यह इलाका हाई-रैंकिंग ईरानी सैन्य अधिकारियों का रिहायशी क्षेत्र है। एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने पुष्टि की है कि हमले में दो बड़े सैन्य अधिकारी मारे गए हैं। साथ ही दो परमाणु वैज्ञानिकों की मौत की भी पुष्टि हुई है।

इजराइल का आरोप: "ईरान गुपचुप बना रहा परमाणु हथियार"

इजराइल के एक सैन्य अधिकारी ने दावा किया है कि ईरान गुपचुप तरीके से परमाणु बम निर्माण के अंतिम चरण में है। उनके अनुसार, ईरान के पास 15 बम बनाने लायक यूरेनियम की मात्रा जल्द ही पूरी हो सकती है। इसे रोकने के लिए यह हमले किए गए।

जानिए 6 बड़े ठिकाने जहां हमला हुआ

इजराइल ने एक साथ छह संवेदनशील और उच्च सुरक्षा वाले स्थानों को टारगेट किया। इनमें सबसे अहम नाम है — नतांज

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1. नतांज: ईरान की सबसे बड़ी परमाणु साइट

तेहरान से 250 किमी दक्षिण में स्थित नतांज, ईरान का मुख्य परमाणु संवर्धन केंद्र है। यहां हजारों एडवांस सेंट्रीफ्यूज लगे हैं जो यूरेनियम-235 का संवर्धन करते हैं। IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान यहां 60% शुद्धता तक यूरेनियम संवर्धित कर चुका है — जो हथियार बनाने की सीमा के बेहद करीब है।

नतांज में दो प्रमुख संयंत्र:

  • FEP (फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट): यह संयंत्र गहराई में स्थित भूमिगत बंकरों में है, जिसे विशेष रूप से हमलों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • PFEP (पायलट फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट): एक छोटा संयंत्र जो चट्टानों और गहरे कंक्रीट के नीचे बनाया गया है।

IAEA रिपोर्ट के अनुसार, नतांज को 7.6 मीटर मोटी दीवारों से घेरा गया था। फिर भी इस हमले में मुख्य ट्रांसफॉर्मर और कुछ तकनीकी इन्फ्रास्ट्रक्चर को गंभीर क्षति पहुंची है।

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हमले का मकसद

इजराइल का मानना है कि नतांज में हो रहे संवर्धन से ईरान के पास 9 बम बनाने लायक यूरेनियम मौजूद है। इससे क्षेत्र में रणनीतिक असंतुलन पैदा हो सकता है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पहले भी इसे “ईरान से सबसे बड़ा परमाणु खतरा” कह चुके हैं।


अन्य ठिकानों की भी खबर

इस हमले में ईरान के यज़्द, कुर्मान और फोर्डो में भी सैन्य व तकनीकी ठिकानों को निशाना बनाया गया है। इन स्थानों में भी संवर्धन व मिसाइल टेक्नोलॉजी से जुड़ी गतिविधियां संचालित होती थीं।

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वैश्विक प्रतिक्रिया और तनाव

इस हमले के बाद पूरा क्षेत्र युद्ध के मुहाने पर पहुंच गया है। अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। उधर, ईरान ने भी कहा है कि वह इस हमले का माकूल जवाब देगा। फिलहाल तेहरान से लेकर यरुशलम तक सैन्य गतिविधियां तेज़ हो गई हैं।


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