तेहरान और तेल अवीव के बीच शुरू हुआ टकराव अब खाड़ी क्षेत्र को खुली जंग की ओर धकेल चुका है। इजराइल और ईरान के बीच पिछले 48 घंटों से चल रही सैन्य कार्रवाई अब तक 141 लोगों की जान ले चुकी है, जिनमें न्यूक्लियर वैज्ञानिक, सैन्य कमांडर, आम नागरिक और सैनिक शामिल हैं।
दो दिन में दो बड़े ऑपरेशन: ‘राइजिंग लॉयन’ बनाम ‘ट्रू प्रॉमिस थ्री’
इजराइल ने शुक्रवार को तड़के 5:30 बजे और फिर रात 10:30 बजे ईरान के परमाणु ठिकानों पर दो बड़े हवाई हमले किए। इन हमलों को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ नाम दिया गया। पहले हमले में 78 और दूसरे हमले में 60 लोगों की मौत हुई। ईरान के अनुसार, मृतकों में 9 वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक और 20 से अधिक मिलिट्री कमांडर शामिल हैं।
इन हमलों के बाद ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई की। शुक्रवार रात को ‘ट्रू प्रॉमिस थ्री’ नामक ऑपरेशन के तहत उसने इजराइल पर 150 से अधिक मिसाइलें दागीं। इनमें से 6 मिसाइलें सीधे राजधानी तेल अवीव में गिरीं। ईरान ने दावा किया कि उसकी बैलिस्टिक मिसाइलों ने इजराइली रक्षा मंत्रालय को भी टारगेट किया। हालांकि, इजराइल ने इस दावे की पुष्टि नहीं की है।

नेतन्याहू सुरक्षित स्थान पर, रक्षा मंत्री की सीधी चेतावनी
जंग के बढ़ते दायरे को देखते हुए इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। वहीं, इजराइली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने बेहद तीखा बयान दिया है। उन्होंने ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई को चेतावनी देते हुए कहा—
“अगर तेहरान से और मिसाइलें दागी गईं, तो हम पूरा तेहरान जला देंगे।”

7 प्रमुख घटनाएं जो इस टकराव को समझाती हैं
- 200 इजराइली फाइटर जेट्स ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों को टारगेट किया।
- इस ऑपरेशन को नाम दिया गया – “राइजिंग लॉयन”, जो इजराइल की तरफ से एक आक्रामक संकेत था।
- इजराइली हमले में 6 परमाणु वैज्ञानिक और 20 से अधिक मिलिट्री कमांडर मारे गए।
- ईरान ने पलटवार करते हुए 150 मिसाइलें इजराइल की ओर दागीं – ऑपरेशन ‘ट्रू प्रॉमिस थ्री’।
- तेल अवीव पर 6 मिसाइलें गिरीं, जिनमें 3 लोगों की जान गई और 90 से अधिक घायल हुए, जिनमें 7 इजराइली सैनिक भी शामिल हैं।
- नेतन्याहू ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और मौजूदा स्थिति की जानकारी दी।
- अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी बयान देते हुए ईरान को परमाणु समझौता करने की चेतावनी दी – “नहीं माने तो बड़ा हमला होगा।”
आगे क्या?
इस टकराव ने खाड़ी क्षेत्र को गंभीर संकट में डाल दिया है। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस और चीन जैसे प्रमुख देश हालात पर नजर बनाए हुए हैं। फिलहाल संघर्ष थमने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। जानकारों का मानना है कि यह टकराव किसी भी वक्त खुले युद्ध में बदल सकता है।
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