July 4, 2025 8:04 PM

इजराइल का ईरान के परमाणु ठिकानों पर सीधा हमला: अराक और खोंडब शहर बने निशाना, 639 लोगों की मौत

  • हमले से कुछ घंटे पहले इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने दोनों शहरों के नागरिकों को इलाके खाली करने की चेतावनी दी थी

तेहरान/तेल अवीव। मध्य पूर्व में तनाव ने खतरनाक मोड़ ले लिया है। इजराइल ने अब ईरान के दो प्रमुख परमाणु ठिकानों — अराक और खोंडब — को निशाना बनाया है। जानकारी के अनुसार, अराक स्थित हेवी वॉटर रिएक्टर और खोंडब का IR-40 रिएक्टर इजराइली वायुसेना के हमले की चपेट में आ चुके हैं। ये दोनों ईरान के परमाणु कार्यक्रम की रीढ़ माने जाते हैं। हमले से कुछ घंटे पहले इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने दोनों शहरों के नागरिकों को इलाके खाली करने की चेतावनी दी थी। चेतावनी के बावजूद रिहायशी इलाकों में जान-माल का बड़ा नुकसान हुआ है। वॉशिंगटन स्थित मानवाधिकार संस्था के अनुसार, अब तक ईरान में 639 लोगों की मौत और 1,329 से अधिक के घायल होने की पुष्टि हुई है।

रणनीतिक ठिकानों को बनाया गया प्राथमिक लक्ष्य

अराक रिएक्टर, जो भारी पानी आधारित है, प्लूटोनियम उत्पादन की क्षमता रखता है और इसे अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसियों की निगरानी में रखा गया है। खोंडब में स्थित IR-40 रिएक्टर इसी श्रृंखला का हिस्सा है और इसकी सुरक्षा को लेकर लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता जताई जा रही थी। माना जा रहा है कि इन दोनों स्थलों पर हमला कर इजराइल ने ईरान के न्यूक्लियर इंफ्रास्ट्रक्चर को सीधे चुनौती दी है।

युद्ध सातवें दिन में, हालात और बिगड़ने की आशंका

इजराइल-ईरान संघर्ष अब सातवें दिन में पहुंच चुका है और दोनों तरफ जानमाल का भारी नुकसान हो रहा है। इजराइल ने इस युद्ध को “स्ट्रैटेजिक सेल्फ-डिफेंस” बताया है, जबकि ईरान इसे “युद्ध की खुली घोषणा” मान रहा है। अब तक इजराइल के 24 नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं और संभावित नतीजे

संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई है, लेकिन अभी तक किसी अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की पहल नहीं हुई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस हमले के बाद ईरान की प्रतिक्रिया और आक्रामक हो सकती है, जिससे पूरे पश्चिम एशिया में संघर्ष और तेज हो सकता है। दूसरी ओर, परमाणु स्थलों पर हमला होने से परमाणु रिसाव और मानवीय संकट की आशंका भी बढ़ गई है।

आगे क्या?

अब निगाहें ईरान की अगली प्रतिक्रिया और विश्व समुदाय की भूमिका पर टिकी हैं। क्या यह संघर्ष पूर्ण युद्ध में बदलेगा या कूटनीतिक हल निकल पाएगा — यह आने वाले कुछ घंटों और दिनों में स्पष्ट होगा।

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