ब्रिटेन का सुपर कम्प्यूटर ‘इसांबार्ड-एआई’: 1 सेकंड में करेगा 80 साल का काम

नई दिल्ली। आधुनिक विज्ञान और तकनीक ने एक बार फिर चमत्कारी छलांग लगाई है। ब्रिटेन के ब्रिस्टल विश्वविद्यालय में तैयार हुआ सुपर कम्प्यूटर ‘इसांबार्ड-एआई’ अब पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है। इस कम्प्यूटर के बारे में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह महज 1 सेकंड में वह कार्य कर सकता है, जिसमें पूरी दुनिया की आबादी को 80 साल लग जाएंगे।


सार्वजनिक प्रोजेक्ट्स में होगा उपयोग

ब्रिटिश सरकार इस अत्याधुनिक सुपर कम्प्यूटर का उपयोग पब्लिक एआई प्रोजेक्ट्स में करने जा रही है। इसके प्रमुख उपयोग क्षेत्रों में शामिल हैं:

  • एनएचएस (राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा) की वेटिंग लिस्ट को कम करना
  • जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए एडवांस टूल्स विकसित करना
  • वैक्सीन डेवलपमेंट, जिसमें इसका परीक्षण पहले ही सफलतापूर्वक किया जा चुका है
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वैश्विक रैंकिंग में 11वां स्थान

हाल ही में जारी विश्व के 500 सबसे शक्तिशाली सुपर कम्प्यूटरों की सूची में ‘इसांबार्ड-एआई’ को 11वां स्थान मिला है, जो इसे दुनिया के सबसे तेज और शक्तिशाली कम्प्यूटरों में से एक बनाता है।


दो सुपर कम्प्यूटर मिलकर बनाएंगे राष्ट्रीय नेटवर्क

ब्रिटेन सरकार 'इसांबार्ड-एआई' और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के ‘डॉन’ सुपर कम्प्यूटर को मिलाकर एक एआई रिसर्च नेटवर्क तैयार कर रही है, जिसे ‘एआई रिसर्च सोर्स’ नाम दिया गया है। ये दोनों सुपर कम्प्यूटर एक-दूसरे से सीधे जुड़े नहीं होंगे, लेकिन दोनों सार्वजनिक संसाधनों के रूप में काम करेंगे।

सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच वर्षों में इस नेटवर्क की क्षमता को 20 गुना तक बढ़ाया जाए।

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निर्माण में दो तकनीकी दिग्गजों की भागीदारी

‘इसांबार्ड-एआई’ को दो वैश्विक कंपनियों हेवलेट पैकार्ड और एनवीडिया ने मिलकर विकसित किया है। इसमें:

  • 5,400 से अधिक एनवीडिया जीएच200 ग्रेस हॉपर सुपरचिप्स का इस्तेमाल किया गया है
  • ‘डॉन’ सुपर कम्प्यूटर में 1,000 से ज्यादा इंटेल चिप्स और डेल टेक्नोलॉजी का सहयोग रहा है

इस सम्पूर्ण परियोजना को ब्रिस्टल विश्वविद्यालय ने विकसित किया है, जबकि इसकी वित्तीय सहायता ब्रिटिश सरकार द्वारा दी गई है।

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75 लाख लोगों को डिजिटल प्रशिक्षण देने की योजना

ब्रिटेन सरकार ने भविष्य को ध्यान में रखते हुए एक महत्वाकांक्षी योजना बनाई है, जिसके तहत:

  • 10 लाख छात्रों को एआई की ट्रेनिंग दी जाएगी
  • 75 लाख लोगों को डिजिटल कौशल सिखाया जाएगा

ब्रिटेन के टेक्नोलॉजी सचिव पीटर काइल ने कहा कि “एआई केवल बीमारियों के इलाज में ही नहीं, बल्कि काम की दुनिया को पूरी तरह बदल देगा। इसके लिए समाज को तैयार रहने की जरूरत है।”

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‘इसांबार्ड-एआई’ जैसे सुपर कम्प्यूटर केवल तकनीकी प्रगति का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि ये भविष्य की दिशा तय करने वाले उपकरण हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, अनुसंधान और रोजगार जैसे हर क्षेत्र में इनका प्रभाव गहराई से महसूस किया जाएगा।



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