• भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामले में लालू परिवार के खिलाफ गंभीर धाराओं में कार्रवाई, चुनावी माहौल में बढ़ी राजनीतिक हलचल

नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू स्थित विशेष सीबीआई अदालत ने सोमवार को बहुचर्चित आईआरसीटीसी होटल घोटाले में तीनों के खिलाफ गंभीर आपराधिक धाराओं के तहत आरोप तय कर दिए हैं। अदालत ने लालू प्रसाद यादव पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120बी (षड्यंत्र) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) के तहत आरोप तय किए हैं। ये आरोप उस समय से जुड़े हैं जब लालू प्रसाद यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे।


होटल टेंडर आवंटन में हुआ कथित भ्रष्टाचार

यह मामला वर्ष 2006 में आईआरसीटीसी द्वारा रांची और पुरी स्थित दो रेलवे होटलों के संचालन के लिए जारी टेंडर से जुड़ा है। सीबीआई के अनुसार, उस दौरान लालू प्रसाद यादव ने इन होटलों के संचालन के अधिकार आवंटित करते समय घोर अनियमितताएं कीं और बदले में अपने परिवार को लाभ पहुंचाने के लिए जमीन के सौदे कराए।

जांच एजेंसी का दावा है कि इन होटलों के ठेके के एवज में लालू परिवार से जुड़ी कंपनियों को कीमती भूखंड बेहद कम कीमत पर ट्रांसफर किए गए। बाद में इन्हीं संपत्तियों का उपयोग यादव परिवार से संबंधित अन्य व्यावसायिक हितों के लिए किया गया।


अदालत में व्हीलचेयर पर पहुंचे लालू यादव

सोमवार को लालू प्रसाद यादव खुद व्हीलचेयर पर बैठकर राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे। अदालत में उनके साथ राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव भी उपस्थित रहे। विशेष न्यायाधीश ने इस मामले में सभी आरोपितों की उपस्थिति में आरोप तय करने की प्रक्रिया पूरी की।

इस दौरान अदालत ने यह भी कहा कि अब यह तय किया जाएगा कि मुकदमे की आगे की सुनवाई किस प्रकार होगी। अदालत ने पूर्व में 24 सितंबर को सभी आरोपितों को पेश होने का निर्देश दिया था, जिसके बाद आज यह सुनवाई संपन्न हुई।


दोनों मामलों में पूरी हुई दलीलें

आज की कार्यवाही में अदालत ने दो मामलों — आईआरसीटीसी होटल घोटाला और नौकरी के बदले जमीन घोटाला — दोनों की सुनवाई की। दोनों मामलों में अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें पूरी हो चुकी हैं। अदालत ने अपने आदेश को पहले ही सुरक्षित रख लिया था, और अब आरोप तय कर आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि लालू परिवार के खिलाफ यह मामला लंबे समय से अटका हुआ था, लेकिन अब अदालत द्वारा आरोप तय किए जाने के बाद मुकदमे की सुनवाई तेज़ गति से आगे बढ़ेगी।


बिहार चुनाव पर पड़ सकता है असर

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस फैसले का असर बिहार की सियासत पर गहरा पड़ सकता है। विधानसभा चुनाव के पहले चरण की तैयारियों के बीच यह खबर राजद के लिए एक बड़ा झटका मानी जा रही है।

तेजस्वी यादव, जो राजद के मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार हैं, अब इस मुकदमे में अभियुक्त के तौर पर पेश होंगे। इससे चुनावी प्रचार और पार्टी की छवि दोनों पर प्रभाव पड़ने की संभावना जताई जा रही है।

हालांकि, राजद के नेताओं का कहना है कि यह कार्रवाई “राजनीतिक प्रतिशोध” का हिस्सा है और चुनावी माहौल को प्रभावित करने के लिए केंद्र सरकार की एजेंसियां विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही हैं।


सीबीआई और ईडी की नजर आगे की जांच पर

आईआरसीटीसी घोटाले में सीबीआई ने वर्ष 2017 में पहली बार एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू से जांच शुरू की थी। एजेंसियों का कहना है कि इस घोटाले में करोड़ों रुपये के अवैध लेन-देन हुए हैं।

ईडी अब इन संपत्तियों की ट्रेसिंग और जब्ती की दिशा में आगे की कार्रवाई कर सकती है। वहीं, सीबीआई ने स्पष्ट किया है कि उसके पास ठोस साक्ष्य मौजूद हैं जो यह साबित करते हैं कि होटल आवंटन में भ्रष्टाचार हुआ और परिवार को अवैध लाभ पहुंचाया गया।


राजद ने कहा – जनता करेगी साजिश का जवाब

राजद प्रवक्ता ने अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह मामला पुराने राजनीतिक मामलों को चुनाव से पहले फिर से जिंदा करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि जनता सब जानती है और आगामी विधानसभा चुनाव में इसका जवाब वोट से देगी।

हालांकि, भाजपा और जदयू नेताओं ने इस पर कहा कि “भ्रष्टाचार के मामलों में कानून अपना काम कर रहा है” और “कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है।”