भारत से iPhone का रिकॉर्ड निर्यात: जून तिमाही में 5 अरब डॉलर, कुल स्मार्टफोन एक्सपोर्ट 7 अरब डॉलर पार
भारत की इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री ने जून 2025 तिमाही में नया इतिहास रच दिया है। देश से कुल 7 अरब डॉलर (₹58,000 करोड़ से अधिक) मूल्य के स्मार्टफोन निर्यात किए गए, जो किसी भी तिमाही में अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। इसमें से अकेले एप्पल के आईफोन का निर्यात 5 अरब डॉलर (₹41,500 करोड़ लगभग) रहा, जिससे स्पष्ट है कि भारत एप्पल के लिए एक अहम मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात केंद्र बन चुका है।
/swadeshjyoti/media/post_attachments/wp-content/uploads/2025/07/image-879.png)
📈 एप्पल की सफलता ने बदली तस्वीर
भारत में एप्पल ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी निर्माण क्षमताओं में भारी निवेश किया है। इसके मुख्य तीन मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर — फॉक्सकॉन (Foxconn), विस्ट्रॉन (Wistron) और पेगाट्रॉन (Pegatron) — तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों में बड़े स्तर पर आईफोन बना रहे हैं।
अब भारत में बने iPhone सीधे अमेरिका, यूरोप, मिडल ईस्ट और एशिया के कई देशों को भेजे जा रहे हैं। यह पहली बार है जब भारत में बने iPhone इतने बड़े पैमाने पर निर्यात किए गए हैं, जिससे भारत एप्पल के लिए चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग बेस बन गया है।
🌏 किन देशों को हो रहा है निर्यात?
भारत से स्मार्टफोन का निर्यात अब 70 से अधिक देशों में हो रहा है। खासकर यूरोप, यूएई, अमेरिका, जापान और अफ्रीकी देशों में ‘मेड इन इंडिया’ मोबाइलों की मांग तेज़ी से बढ़ रही है। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि चीन पर वैश्विक निर्भरता कम करने की रणनीति के तहत कई कंपनियां अब भारत को एक मजबूत विकल्प मान रही हैं।
🏗️ "मेक इन इंडिया" और PLI योजना का योगदान
मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई "मेक इन इंडिया" पहल और प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना ने इस परिवर्तन में अहम भूमिका निभाई है। सरकार ने मोबाइल फोन कंपनियों को उत्पादन और निर्यात के लिए विशेष छूट और अनुदान दिए हैं। PLI स्कीम के तहत कंपनियों को उनके उत्पादन पर सीधा प्रोत्साहन मिलता है, जिससे भारत में निर्माण करना अब वैश्विक कंपनियों के लिए ज्यादा लाभकारी हो गया है।
कुल मिलाकर पिछले 4 वर्षों में भारत से स्मार्टफोन निर्यात 10 गुना तक बढ़ चुका है।
/swadeshjyoti/media/post_attachments/wp-content/uploads/2025/07/image-881.png)
🏭 स्थानीय रोजगार और अर्थव्यवस्था को मिला बल
इस निर्यात वृद्धि से न केवल विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत हो रहा है, बल्कि देश में रोज़गार के लाखों नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं। मैन्युफैक्चरिंग प्लांटों में तकनीकी, असेंबली, क्यूसी (क्वालिटी कंट्रोल) जैसे क्षेत्रों में बड़ी संख्या में युवा जुड़ रहे हैं।
📊 भविष्य की संभावनाएं
आईफोन के अलावा सैमसंग, श्याओमी, विवो और रियलमी जैसी कंपनियां भी भारत में बड़े स्तर पर निर्माण कर रही हैं और आने वाले वर्षों में इनका भी निर्यात और तेज़ी से बढ़ने की संभावना है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर यही रफ्तार बनी रही तो भारत अगले 2 से 3 वर्षों में स्मार्टफोन निर्यात में चीन को टक्कर दे सकता है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा | और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!
/swadeshjyoti/media/agency_attachments/2025/11/09/2025-11-09t071157234z-logo-640-swadesh-jyoti-1-2025-11-09-12-41-56.png)
/swadeshjyoti/media/agency_attachments/2025/11/09/2025-11-09t071151025z-logo-640-swadesh-jyoti-1-2025-11-09-12-41-50.png)
/swadeshjyoti/media/post_attachments/wp-content/uploads/2025/07/image-880.png)