नेतन्याहू–ट्रंप मुलाकात के बाद बड़ा सैन्य समझौता, इजरायली वायुसेना की ताकत और बढ़ेगी

इजरायल। मध्य पूर्व की सुरक्षा राजनीति में एक बार फिर बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। इजरायल को सैन्य रूप से और मजबूत करने की दिशा में अमेरिका ने बड़ा कदम उठाया है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने बोइंग कंपनी को इजरायली वायुसेना के लिए 25 अत्याधुनिक एफ-15 फाइटर जेट तैयार करने का 8.6 अरब डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट दिया है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब गाजा युद्ध को लेकर अमेरिका में ही इजरायल को मिल रहे सैन्य समर्थन पर सवाल उठ रहे हैं।

यह घोषणा ऐसे समय हुई है, जब इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप से मुलाकात की। इस बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा और रणनीतिक सहयोग से जुड़ी कई अहम सहमतियां बनीं, जिनमें यह फाइटर जेट डील सबसे अहम मानी जा रही है।

25 F-15IA फाइटर जेट के लिए 8.58 अरब डॉलर का सौदा

पेंटागन की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अमेरिकी रक्षा कंपनी बोइंग को इजरायली वायुसेना के लिए 25 नए F-15IA फाइटर विमानों के डिजाइन, निर्माण और आपूर्ति का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है। इस सौदे की कुल कीमत 8.58 अरब डॉलर तक है। इसके साथ ही समझौते में भविष्य में 25 अतिरिक्त विमानों का विकल्प भी शामिल किया गया है, यानी आने वाले वर्षों में यह संख्या और बढ़ सकती है।

इन विमानों को विशेष रूप से इजरायल की जरूरतों के अनुसार तैयार किया जाएगा। F-15IA जेट्स लंबी दूरी तक मार करने, भारी हथियार ले जाने और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम से लैस होंगे, जिससे इजरायली वायुसेना की आक्रामक और रक्षात्मक क्षमता दोनों में जबरदस्त इजाफा होगा।

2035 तक पूरा होगा प्रोजेक्ट, सेंट लुइस में होगा निर्माण

पेंटागन के अनुसार, इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत होने वाला अधिकांश काम अमेरिका के सेंट लुइस में किया जाएगा। इस परियोजना के 31 दिसंबर 2035 तक पूरा होने की उम्मीद है। लंबे समय तक चलने वाला यह प्रोजेक्ट न केवल इजरायल की सैन्य ताकत बढ़ाएगा, बल्कि अमेरिका में रक्षा उद्योग से जुड़े हजारों रोजगारों को भी स्थिरता देगा।

अमेरिकी रक्षा विभाग ने साफ किया है कि यह सौदा अमेरिका और इजरायल के बीच दशकों पुराने रणनीतिक रक्षा संबंधों का हिस्सा है। अमेरिका लंबे समय से इजरायल को हथियारों की आपूर्ति करने वाला उसका सबसे बड़ा और भरोसेमंद सहयोगी रहा है। 

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गाजा हमलों के बावजूद अमेरिका का समर्थन बरकरार

यह सैन्य सौदा ऐसे समय में सामने आया है, जब गाजा में इजरायली सैन्य कार्रवाई को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है। अमेरिका के कई शहरों में फिलिस्तीन समर्थक और युद्ध विरोधी प्रदर्शनकारियों ने वाशिंगटन से इजरायल को दिए जा रहे सैन्य समर्थन को खत्म करने की मांग की थी। हालांकि, इन विरोध प्रदर्शनों के बावजूद अमेरिका का रुख नहीं बदला। डोनल्ड ट्रंप के कार्यकाल से लेकर पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन तक, इजरायल को सैन्य सहायता देने की नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया। यह नया कॉन्ट्रैक्ट इस बात का संकेत है कि अमेरिका इजरायल को लेकर अपनी रणनीतिक प्रतिबद्धताओं पर कायम है।

मध्य पूर्व की राजनीति पर पड़ेगा असर

विशेषज्ञों का मानना है कि इस डील का असर केवल इजरायल तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे मध्य पूर्व की शक्ति संतुलन राजनीति पर इसका प्रभाव पड़ेगा। F-15 जैसे उन्नत फाइटर जेट मिलने से इजरायल की हवाई बढ़त और मजबूत होगी, जिससे क्षेत्रीय तनाव और रणनीतिक समीकरणों में बदलाव आ सकता है।

इजरायली नेतृत्व इसे अपनी सुरक्षा जरूरतों के लिए जरूरी कदम बता रहा है, जबकि आलोचक इसे गाजा युद्ध के बीच अमेरिका की दोहरी नीति के रूप में देख रहे हैं। आने वाले समय में यह सौदा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अमेरिका और इजरायल दोनों के लिए बहस का विषय बना रह सकता है। 

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