भारत पहले ही खारिज कर चुका है भूमिका, ट्रंप बोले– टैरिफ की धमकी से रुकी जंग
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान सीजफायर करवाने का श्रेय खुद को देते हुए पुराना दावा दोहराया है। इस बार यह बयान उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सामने दिया। फ्लोरिडा में हुई इस मुलाकात के दौरान ट्रंप ने कहा कि उन्होंने दुनिया में अब तक आठ युद्ध रुकवाए हैं, जिनमें भारत और पाकिस्तान के बीच का तनाव भी शामिल है। ट्रंप का यह बयान सामने आते ही उसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
ट्रंप ने बातचीत के दौरान कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति बेहद गंभीर हो गई थी और युद्ध की आशंका बढ़ रही थी। उनके अनुसार, उन्होंने दोनों देशों को स्पष्ट संदेश दिया था कि यदि संघर्ष नहीं रुका, तो अमेरिका व्यापारिक प्रतिबंध और भारी टैरिफ लगाएगा। ट्रंप का दावा है कि इसी चेतावनी के बाद हालात बदले और सीजफायर संभव हुआ।
भारत पहले ही कर चुका है दावों का खंडन
हालांकि भारत सरकार ट्रंप के इन दावों को पहले ही पूरी तरह खारिज कर चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में स्पष्ट शब्दों में कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान किसी भी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं थी। भारत ने हमेशा यह रुख अपनाया है कि पाकिस्तान से जुड़े मुद्दे द्विपक्षीय हैं और उनमें किसी बाहरी मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं है।
सरकार की ओर से यह भी कहा गया था कि सीजफायर से जुड़े फैसले भारत की सैन्य और कूटनीतिक प्रक्रिया के तहत लिए गए थे। इसके बावजूद ट्रंप लगातार सार्वजनिक मंचों पर इस विषय को उठाते रहे हैं, जिससे भारत की ओर से असहजता भी जताई जाती रही है।
ट्रंप का नया बयान: टैरिफ से रोकी जंग
नेतन्याहू के साथ बातचीत के दौरान ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को व्यापारिक दबाव के जरिए युद्ध से पीछे हटने पर मजबूर किया। ट्रंप ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि अगर आपने युद्ध नहीं रोका, तो मैं व्यापार रोक दूंगा। मैंने 200 प्रतिशत टैरिफ की बात कही और अगले ही दिन फोन आया कि 35 साल पुरानी लड़ाई खत्म हो गई।”
ट्रंप ने यह भी जोड़ा कि उन्हें इस पहल का कोई श्रेय नहीं मिला, जबकि उनके मुताबिक उन्होंने दुनिया में आठ बड़े संघर्ष रुकवाए हैं। उन्होंने संकेत दिए कि भारत-पाकिस्तान के अलावा भी कई देशों के बीच तनाव कम कराने में उनकी भूमिका रही है, हालांकि उन्होंने उन सभी के नाम नहीं गिनाए।
बार-बार दोहराया जा रहा दावा, कूटनीतिक हलकों में चर्चा
ट्रंप द्वारा बार-बार भारत-पाक सीजफायर का श्रेय लेने को लेकर अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक हलकों में भी चर्चा होती रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप अपने कार्यकाल और उसके बाद भी खुद को वैश्विक शांति स्थापित करने वाले नेता के रूप में प्रस्तुत करना चाहते हैं। वहीं भारत का रुख इस मामले में शुरू से स्पष्ट रहा है कि वह किसी भी तरह की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता।
इस बयान के बाद एक बार फिर यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या ट्रंप के दावे केवल राजनीतिक बयानबाजी हैं या वे भविष्य की अमेरिकी राजनीति में अपनी भूमिका को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा हैं।
भारत का रुख अडिग, द्विपक्षीय मुद्दों पर कोई समझौता नहीं
भारत ने हर मंच पर यह दोहराया है कि पाकिस्तान के साथ संबंधों और तनाव से जुड़े मामलों में वह किसी तीसरे पक्ष की भूमिका को मान्यता नहीं देता। भारत की विदेश नीति में यह स्पष्ट सिद्धांत रहा है कि ऐसे मुद्दों का समाधान केवल आपसी बातचीत और अपने राष्ट्रीय हितों के आधार पर ही किया जाएगा।
ट्रंप का यह ताजा बयान भले ही सुर्खियों में आ गया हो, लेकिन भारत की आधिकारिक स्थिति में किसी भी तरह का बदलाव नहीं दिखता। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस तरह के बयानों का भारत-अमेरिका संबंधों और क्षेत्रीय कूटनीति पर क्या असर पड़ता है।
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