December 23, 2024 8:53 PM

Trending News

December 23, 2024 8:53 PM

ट्रंप कैबिनेट में कोलकाता में जन्मे जय भट्टाचार्य की एंट्री

Ad Zone

Ad Zone

Ad Zone

  • डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक जय भट्टाचार्य को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के निदेशक के रूप में चुना

वॉशिंगटन । अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक जय भट्टाचार्य को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के निदेशक के रूप में चुना है। एनआईएच देश के शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान और वित्त पोषण संस्थानों में से एक है। इसके साथ ही ट्रंप 2.0 कैबिनेट में भट्टाचार्य शीर्ष प्रशासनिक पद के लिए नामित होने वाले पहले भारतवंशी हैं। इससे पहले ट्रंप ने टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क के साथ डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट एफिशिएंसी (डोज) का नेतृत्व करने के लिए भारतीय-अमेरिकी विवेक रामास्वामी को चुना था। हालांकि, यह एक स्वैच्छिक पद है और इसके लिए अमेरिकी सीनेट से पुष्टि की आवश्यकता नहीं है। यानी यह विभाग सीधे तौर पर ट्रंप के कैबिनेट से नहीं जुड़ा है और यह सरकार के बाहर रहकर काम करेगा। ट्रंप ने कैबिनेट में शीर्ष पद के लिए भारतवंशी के नाम का एलान करते हुए कहा, ‘‘मुझे जय भट्टाचार्य, एमडी, पीएचडी. को एनआईएच के निदेशक के रूप में नामित करके काफी खुशी हो रही है। डॉ. भट्टाचार्य रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर के साथ मिलकर राष्ट्र के चिकित्सा अनुसंधान की दिशा में मार्गदर्शन करेंगे और स्वास्थ्य में सुधार लाने और लोगों की जिंदगी बचाने वाली अहम खोज को प्रोत्साहित करने की दिशा में काम करेंगे।’’

कौन हैं जय भट्टाचार्य?

जय भट्टाचार्य का जन्म पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुआ। वह उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका चले गए थे। उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में 1990 के दौर में यहां बैचलर ऑफ आर्ट्स और फिर मास्टर ऑफ आर्ट्स किया। इसके बाद उन्होंने डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (एमडी) की डिग्री हासिल की और साल 2000 में अर्थशास्त्र में पीएचडी किया। ट्रंप ने कहा कि जय भट्टाचार्य मौजूदा समय में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में स्वास्थ्य नीति के प्रोफेसर हैं और नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च में रिसर्च एसोसिएट के तौर पर काम कर रहे हैं। वे स्टैनफोर्ड में स्वास्थ्य और उम्र से जुड़े जनसांख्यिकी और अर्थशास्त्र केंद्र के निदेशक हैं। उनकी रिसर्च स्वास्थ्य के अलावा कमजोर आबादी की बेहतर देखभाल से जुड़ी है। उनकी रिसर्च अर्थशास्त्र, कानून से लेकर स्वास्थ्य नीति के जर्नल्स तक में छपी हैं।

कोरोनाकाल के दौरान लॉकडाउन का विकल्प भी बताया

भट्टाचार्य ने कोरोनाकाल में ग्रेट बैरिंगटन डेक्लेरेशन का सह-लेखन भी किया था। यह अक्तूबर 2020 से कोरोना में लगाए गए लॉकडाउन का विकल्प बताया गया था। इस दौरान उन्होंने सरकार के कोरोना से जुड़े प्रतिबंधों और मास्क नीति का भी विरोध किया था। उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए इसे लोगों में फैलने देने और हर्ड इम्युनिटी के पक्ष में तर्क दिए थे। हालांकि, अपने विचारों के लिए उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध भी झेलने पड़े।

ट्रंप ने कीं दो और नियुक्तियां

रिपब्लिकन नेता ने भट्टाचार्य के अलावा दो और अहम नियुक्तियों का एलान किया। इनमें जैमीसन ग्रीर को अमेरिका व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) के रूप में चुना गया और केविन ए हैसेट को व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय आर्थिक परिषद का निदेशक नियुक्त किया है। ट्रंप ने एक अलग बयान में कहा कि आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष हैसेट ने 2017 के कर कटौती और रोजगार अधिनियम को पारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram
Share on pocket

Recent News

Ad Zone