जी20 सम्मेलन में मोदी–कार्नी की मुलाकात, व्यापार से टेक्नोलॉजी और रक्षा तक व्यापक सहयोग पर सहमति

जोहानिसबर्ग। भारत और कनाडा ने द्विपक्षीय रिश्तों को नई दिशा देने का निर्णय लिया है। जी20 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की मुलाकात में दोनों देशों ने व्यापार, निवेश, तकनीक, इनोवेशन और रक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई। इस बैठक का सबसे महत्वपूर्ण परिणाम यह रहा कि भारत–कनाडा ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 70 अरब डॉलर यानी लगभग ₹6.25 लाख करोड़ प्रतिवर्ष तक बढ़ाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। वर्तमान में दोनों देशों के बीच व्यापार करीब 30 अरब डॉलर का है। ऐसे में आने वाले वर्षों में यह लक्ष्य दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा।

भारतीय बाजार में रुचि दिखा रहे कनाडाई पेंशन फंड

बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि कनाडा के पेंशन फंड भारत में निवेश को लेकर काफी उत्साहित हैं। भारत की तेज़ी से विकसित होती अर्थव्यवस्था और बड़े बाजार को देखते हुए वे विभिन्न क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं। विशेष रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर, ऊर्जा, वित्तीय सेवाएँ और प्रौद्योगिकी आधारित परियोजनाएँ कनाडाई निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।

रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में भी सहयोग विस्तार पर सहमति

भारत और कनाडा ने रक्षा उत्पादन, तकनीकी सहयोग, संयुक्त अनुसंधान और अंतरिक्ष क्षेत्र में संयुक्त परियोजनाओं को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। इससे दोनों देशों के सामरिक संबंधों में नई ऊर्जा आने की उम्मीद है।

नई त्रिपक्षीय टेक्नोलॉजी साझेदारी 

मुलाकात के दौरान भारत–ऑस्ट्रेलिया–कनाडा के बीच ACITI (एसीआईटीआई) टेक्नोलॉजी और इनोवेशन साझेदारी की शुरुआत को दोनों नेताओं ने महत्वपूर्ण कदम बताया। यह साझेदारी भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, साइबर सुरक्षा, ग्रीन ऊर्जा, उभरती टेक्नोलॉजी और नवाचार के क्षेत्रों में नई संभावनाएँ खोलेगी।

जल्द शुरू होगी CEPA पर उच्च स्तरीय वार्ता

दोनों देशों ने यह भी घोषित किया कि निकट भविष्य में व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (CEPA) पर उच्च महत्वाकांक्षी बातचीत शुरू की जाएगी। CEPA के लागू होने से व्यापारिक बाधाएँ कम होंगी, निवेश के अवसर बढ़ेंगे और दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ मिलेगा।