डेविड स्जेले ने ब्रिटेन के एंड्रयू मिलर और भारतीय लेखिका किरण देसाई को पछाड़ा, ‘फ्लेश’ में हंगरी के मजदूर वर्ग के व्यक्ति के ब्रिटिश समाज में संघर्ष की मार्मिक कहानी
लंदन, 11 नवंबर।
विश्व साहित्य के सबसे प्रतिष्ठित सम्मान ‘बुकर पुरस्कार 2025’ की घोषणा सोमवार को की गई, जिसमें इस वर्ष का खिताब हंगरी मूल के ब्रिटिश लेखक डेविड स्जेले (David Szalay) को उनकी चर्चित कृति ‘Flesh’ (फ्लेश) के लिए प्रदान किया गया।
यह उपन्यास हंगरी के मजदूर वर्ग से आए एक साधारण व्यक्ति की कहानी है, जो ब्रिटेन के उच्च वर्ग में जगह बनाने के लिए संघर्ष करता है। 51 वर्षीय स्जेले ने इस कहानी के माध्यम से वर्गभेद, सामाजिक असमानता और व्यक्तिगत पहचान के प्रश्नों को बड़ी संवेदनशीलता से उजागर किया है।
‘फ्लेश’: संघर्ष और आत्मपहचान की गाथा
डेविड स्जेले की पुस्तक ‘फ्लेश’ एक ऐसे पात्र, इस्तवान, की कहानी बयां करती है जो एक शांत स्वभाव वाला मजदूर है। उसकी किशोरावस्था में एक बड़ी उम्र की महिला के साथ संबंधों से लेकर ब्रिटेन में एक प्रवासी मजदूर के रूप में उसके संघर्ष और आत्मसम्मान की यात्रा तक, लेखक ने कथा को बेहद गहराई और सौंदर्य के साथ बुना है।
किताब का विषय न केवल एक प्रवासी की पीड़ा को उकेरता है, बल्कि आधुनिक समाज में वर्ग संघर्ष और मानवीय रिश्तों की जटिलता को भी रेखांकित करता है।
निर्णायक मंडल का निर्णय: सर्वसम्मति से चुनी गई ‘फ्लेश’
आयरलैंड के प्रसिद्ध लेखक रॉडी डॉयल और ‘सेक्स एंड द सिटी’ की अभिनेत्री सारा जेसिका पार्कर सहित निर्णायक मंडल के सभी सदस्यों ने इस वर्ष कुल 153 उपन्यासों में से ‘फ्लेश’ को सर्वश्रेष्ठ रचना के रूप में चुना।
रॉडी डॉयल ने घोषणा करते हुए कहा—
“‘फ्लेश’ जीवन और जीवन की विचित्रताओं पर आधारित एक ऐसी रचना है, जो पाठकों को भीतर तक झकझोर देती है।”
निर्णायक मंडल ने लगभग पांच घंटे की लंबी बैठक के बाद सर्वसम्मति से स्जेले की कृति को विजेता घोषित किया।
प्रतियोगिता में भारतीय लेखिका किरण देसाई भी थीं शामिल
इस वर्ष के बुकर पुरस्कार की दौड़ में ब्रिटिश लेखक एंड्रयू मिलर, भारतीय मूल की किरण देसाई, और चार अन्य प्रसिद्ध लेखकों की रचनाएँ भी शामिल थीं। लेकिन स्जेले की रचना ने सभी को पीछे छोड़ते हुए निर्णायकों का दिल जीत लिया।
यह जीत न केवल स्जेले के साहित्यिक कौशल का प्रमाण है, बल्कि इसने यूरोप के सामाजिक-आर्थिक वर्गों के संघर्ष को एक नई दृष्टि से प्रस्तुत किया है।
डेविड स्जेले: बहुसांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लेखक
डेविड स्जेले का जन्म कनाडा के मॉन्ट्रियल में हुआ था। उनके पिता हंगरी से और माता कनाडा से थीं। उनका बचपन लंदन में बीता, जबकि वर्तमान में वे विएना (ऑस्ट्रिया) में रह रहे हैं।
उनकी लेखनी में यूरोपीय अनुभव, प्रवासी जीवन की जटिलता और आधुनिक समाज की विसंगतियाँ बार-बार उभरती हैं।
‘फ्लेश’ से पहले भी स्जेले अपनी पुस्तकों “All That Man Is” और “Spring” के लिए साहित्यिक हलकों में सराहे जा चुके हैं।
बुकर पुरस्कार: साहित्य जगत का सर्वोच्च सम्मान
बुकर पुरस्कार को विश्व साहित्य का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान माना जाता है। हर वर्ष अंग्रेज़ी में लिखे या अंग्रेज़ी में अनूदित उपन्यास को यह पुरस्कार दिया जाता है।
विजेता लेखक को 50,000 पाउंड (लगभग 66,000 अमेरिकी डॉलर) की राशि दी जाती है। इसके साथ ही, जिस लेखक को यह पुरस्कार मिलता है, उसकी पुस्तक की बिक्री और लोकप्रियता में अप्रत्याशित वृद्धि होती है।
‘फ्लेश’ के बाद बढ़ी पाठकों की उत्सुकता
पुरस्कार की घोषणा के बाद ब्रिटेन और यूरोप के बुक स्टोर्स में ‘फ्लेश’ की मांग अचानक बढ़ गई है। आलोचकों ने इसे “समकालीन समाज का सजीव चित्रण” बताया है, जबकि पाठकों ने स्जेले की लेखनी की गहराई और सरलता की प्रशंसा की है।
यह पुस्तक अब कई भाषाओं में अनुवाद के लिए चुनी जा चुकी है।
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