स्वदेश डेस्क: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों कनाडा को लेकर एक विवादास्पद बयान दे रहे हैं। वह कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य कहकर चिढ़ा रहे हैं और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को “गवर्नर” कहकर उनका मजाक बना रहे हैं। ट्रंप ने यह टिप्पणी उस वक्त की, जब कनाडा की उपप्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने ट्रंप द्वारा कनाडा पर लगाए जा रहे भारी टैरिफ का विरोध करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
फ्रीलैंड का इस्तीफा और कनाडा में राजनीतिक संकट
क्रिस्टिया फ्रीलैंड का इस्तीफा कनाडा की सरकार के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ है। फ्रीलैंड ने ट्रंप के आक्रामक व्यापार नीति का विरोध करते हुए सरकार से इस्तीफा देने का निर्णय लिया था। इसके बाद से ही प्रधानमंत्री ट्रूडो की सरकार राजनीतिक संकट में घिरी हुई है। उनके खिलाफ पाँच सांसदों ने इस्तीफे की मांग की है और वे अपनी ही पार्टी के भीतर विरोध का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा, कनाडा और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध की संभावना ने उन्हें चिंतित कर दिया है।
ट्रंप का कनाडा पर टैरिफ की धमकी
ट्रंप ने कनाडा से माल पर भारी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी थी। उनका कहना था कि यदि कनाडा अमेरिकी टैरिफ को सहन नहीं कर सकता, तो उसे अमेरिका का 51वां राज्य बन जाना चाहिए। यह टिप्पणी उन्होंने एक बैठक के दौरान की थी, जब वह कनाडा के साथ व्यापारिक विवादों को लेकर चर्चा कर रहे थे। ट्रंप ने यह भी कहा कि क्रिस्टिया फ्रीलैंड का व्यवहार पूरी तरह से विषाक्त था और वह सौदे करने के लिए उपयुक्त नहीं थीं, जिससे कनाडा और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध और भी तनावपूर्ण हो गए।
ट्रूडो की सरकार पर बढ़ा दबाव
फ्रीलैंड के इस्तीफे के बाद प्रधानमंत्री ट्रूडो पर राजनीतिक दबाव बढ़ गया है। उन्हें अपनी सरकार बचाने के लिए विपक्षी दलों और अपने ही पार्टी के भीतर से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। आवास संकट और उच्च मुद्रास्फीति के कारण उनकी अनुमोदन रेटिंग गिर रही है, जिसके चलते उनके पद छोड़ने की मांग भी तेज हो गई है।
इसके अलावा, पांच लिबरल सांसदों ने सार्वजनिक रूप से ट्रूडो से इस्तीफा देने का आग्रह किया है। यह स्थिति कनाडा की राजनीति के लिए एक नई चुनौती बन गई है, जिसमें प्रधानमंत्री को अपने पद को बनाए रखने के लिए कठिन निर्णय लेने होंगे।
ट्रंप और ट्रूडो की बैठक
हाल ही में, ट्रंप और ट्रूडो के बीच एक बैठक हुई थी, जिसमें ट्रंप ने कनाडा पर 25% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। उनका कहना था कि कनाडा ने अवैध अप्रवासियों और नशीली दवाओं के प्रवाह को रोकने में विफलता दिखाई है, जिसके कारण उसे यह टैरिफ लगाने की योजना बनाई गई।
इस बैठक में ट्रंप ने कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनने की पेशकश भी की थी, यह टिप्पणी उन्होंने कनाडा के व्यापार संबंधों को लेकर की थी। हालांकि, ट्रूडो और उनकी सरकार ने इस बयान को एक मजाक के रूप में लिया, लेकिन इससे कनाडा-अमेरिका के रिश्ते में तनाव और बढ़ गया है।
फ्रीलैंड का इस्तीफा: ट्रंप की व्यापारिक नीति से उत्पन्न संकट
फ्रीलैंड के इस्तीफे के बाद, ट्रूडो ने यह स्वीकार किया कि ट्रंप की आर्थिक नीतियाँ कनाडा के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी हैं। फ्रीलैंड ने अपने इस्तीफे में कहा कि ट्रंप की आक्रामक आर्थिक राष्ट्रवाद की नीति के कारण कनाडा को गंभीर व्यापारिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। उनका मानना था कि ऐसी नीति से कनाडा के नागरिकों को कोई लाभ नहीं होगा और यह देश के लिए हानिकारक साबित होगी।
डोनाल्ड ट्रंप और जस्टिन ट्रूडो के बीच यह तनावपूर्ण संबंध कनाडा के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मोड़ बना हुआ है। ट्रंप के आक्रामक बयान और व्यापारिक नीतियों से कनाडा की सरकार पहले ही संकट में है। फ्रीलैंड का इस्तीफा, राजनीतिक विरोध और व्यापारिक युद्ध की आशंका ने ट्रूडो की सरकार को मुश्किल में डाल दिया है। आगे देखना यह होगा कि कनाडा और अमेरिका के संबंध किस दिशा में बढ़ते हैं और ट्रूडो अपनी सरकार को किस प्रकार संभालते हैं।