अमेजन के प्रवेश द्वार बेलेम में जलवायु सम्मेलन
संकटग्रस्त वर्षावन अमेजन बना वैश्विक चिंता का केंद्र
इस साल का संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन कॉप30 ब्राजील के उत्तरी शहर बेलेम में आयोजित हो रहा है—एक ऐसा स्थान जिसे अमेजनवर्षावन का प्रवेश द्वार कहा जाता है। यह सम्मेलन न केवल पेरिस समझौते के दस साल पूरे होने का प्रतीक है, बल्कि यह उस गंभीर जलवायु संकट की पृष्ठभूमि में हो रहा है, जिसमें अमेजन जंगल खुद एक अस्थिर मोड़ पर खड़ा है।अमेजनकेजंगलआजसंकटमेंहैंजबकिइन्हें धरती का फेफड़ाकहाजाताहै. अमेजनवर्षावनदक्षिण अमेरिका के 67 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला है और भारतकेआकारसे दोगुना बड़ा है, धरती का सबसे बड़ा कार्बन सोखनेवालाक्षेत्रमाना जाता है। यह क्षेत्र 1,100 से अधिक सहायक नदियों के साथ मीठे पानी का सबसे बड़ा स्रोत भी है, जो अटलांटिक महासागर में जाकर समुद्री धाराओं को संतुलित करता है।लेकिन अब वैज्ञानिक चेतावनी दे रहे हैं कि वनों की दशकों से हो रही कटाई, खनन, भूमि क्षरण और जलवायु प्रभावों के कारण अमेजन का भविष्य अनिश्चित हो गया है। ब्राजील के पारा राज्य, जिसकी राजधानी बेलेम है, में विनाश का स्तर सबसे अधिक है। रिपोर्टों के अनुसार, अमेजन के कुछ हिस्से अब कार्बन डाइऑक्साइड सोखने की बजाय उत्सर्जित करने लगे हैं।
बेलेम में जुटे विश्व नेता: प्रतीकात्मक और रणनीतिक संदेश
बेलेम में कॉप30 का आयोजन एक प्रतीकात्मक संदेश हैजिसमेंदुनिया के सबसे समृद्ध जैव विविधता वाले क्षेत्र में जलवायु नीति पर विचारकियाजाएगा। ब्राजील के हिस्से में अमेजन का 60प्रतिशत क्षेत्र आता है और ब्राजील सरकार ने संकेत दिया है कि वह उष्णकटिबंधीयवर्षावनों की सुरक्षा के लिए नया अंतरराष्ट्रीय समझौता प्रस्तावित करेगी।यह सम्मेलन ऐसे समय हो रहा है जब पेरिस समझौते के लक्ष्यग्लोबलवार्मिंग को 1.5डिग्रीसेल्सियसतक सीमित करनाहैऔरदुनियाइसलक्ष्यकोपूराकरनेमेंअबतकतोकामयाबनहींरहीहैबल्किग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन लगातार बढ़ हीरहा है।
भारत जैसे विकासशील देशों के लिए यह सम्मेलन जलवायु न्याय और विकास के संतुलन की मांग को वैश्विक मंच पर उठाने का अवसर है। अमेजन का संरक्षण न केवल वैश्विक तापमान नियंत्रण के लिए जरूरी है, बल्कि यह भोजन, दवाओं, जल स्रोतों और जैव विविधता के लिए भी अनिवार्य है।
बेलेम में हो रहा यह सम्मेलन एक चेतावनी और अवसर दोनों है—कि अगर अमेजन को बचाया नहीं गया, तो धरती का संतुलन बिगड़ सकता है। और अगर इसे सही नीतियों और वैश्विक सहयोग से संरक्षित किया गया, तो यह जलवायु संकट से उबरने की राह बन सकता है।
यह एंकरस्टोरी दुनिया को यह याद दिलाती है कि अमेजन सिर्फ ब्राजील का नहीं, पूरी मानवता का साझा उत्तरदायित्व है।
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