हरियाणा में तैयार हुआ आईएनएस अरावली बेस, हिंद महासागर में नौसेना की पैनी नजर
गुरुग्राम। हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव और समुद्री दबदबे को ध्यान में रखते हुए भारत ने अपनी नौसैनिक तैयारियों को और सशक्त बनाने का बड़ा कदम उठाया है। हरियाणा के गुरुग्राम में अरावली पहाड़ियों के बीच प्रदेश का पहला नौसेना बेस तैयार किया गया है। इसे आईएनएस अरावली नाम दिया गया है और इसे आज औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा। इस विशेष अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी समारोह की अध्यक्षता करेंगे।
हिंद महासागर पर पैनी नजर
आईएनएस अरावली बेस की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह हिंद महासागर में दुश्मन देशों की हर गतिविधि पर रियल टाइम मॉनिटरिंग करने में सक्षम होगा। बेस में स्थापित आधुनिक तकनीक सेकेंडों में समुद्र में मौजूद हर शिप की लोकेशन और मूवमेंट का डेटा सीधे नेवी तक पहुंचाएगी। विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम भारत की समुद्री सुरक्षा को नई मजबूती देगा और हिंद महासागर में रणनीतिक संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएगा।

बेस की तकनीकी और रणनीतिक क्षमताएं
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, आईएनएस अरावली बेस विशेष रूप से कम्युनिकेशन, कंट्रोल और मेरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (C2MD) के लिए डिजाइन किया गया है। यह नौसेना के सूचना और संचार नेटवर्क को और सशक्त बनाएगा और समुद्री खतरों का पता लगाने और उनका तुरंत जवाब देने में मदद करेगा। नौसेना अधिकारी बताते हैं कि इस बेस से हिंद महासागर में किसी भी असामान्य गतिविधि का तुरंत पता लगाकर रणनीतिक कार्रवाई की जा सकेगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्व
विशेषज्ञों का कहना है कि आईएनएस अरावली का निर्माण भारत की समुद्री ताकत को बढ़ाने के साथ-साथ चीन और अन्य देशों की निगरानी को भी अधिक प्रभावी बनाएगा। यह बेस केवल तकनीकी दृष्टि से ही नहीं, बल्कि रणनीतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि हिंद महासागर भारत की आर्थिक और सामरिक सुरक्षा के लिए संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा | और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!
- मेसी ने तोड़ा अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में असिस्ट का रिकॉर्ड, अर्जेंटीना ने प्यूर्टो रिको को 6-0 से हराया
- भारतीय सेना को मिलेंगी नई सिग सॉयर असॉल्ट राइफलें — रक्षा मंत्रालय ने 659 करोड़ रुपये के अनुबंध पर किए हस्ताक्षर
- इसरो प्रमुख वी. नारायणन का बड़ा ऐलान — 2040 तक भारतीयों को चंद्रमा पर उतारने का लक्ष्य, 2027 में मानव मिशन ‘गगनयान’ की उड़ान
- ‘मेरा बूथ, सबसे मजबूत’ अभियान में पीएम मोदी का बिहार कार्यकर्ताओं से संवाद —
- भारत का यूपीआई अब जापान में भी चलेगा — एनपीसीआई ने एनटीटी डेटा जापान से की साझेदारी