October 15, 2025 1:58 PM

इंदौर में हादसा: गड्ढे में नहाने उतरे तीन मासूमों की डूबकर मौत, ग्रामीणों ने प्रशासन पर उठाए सवाल

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इंदौर में दर्दनाक हादसा: गड्ढे में नहाने उतरे तीन बच्चों की डूबकर मौत, ग्रामीणों ने प्रशासन पर उठाए सवाल

इंदौर, 18 सितंबर (हि.स.)।
इंदौर के खुड़ैल थाना क्षेत्र के बढ़िया कामा इलाके में बुधवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया। खेलते-खेलते तीन मासूम बच्चे पास के एक गड्ढे में नहाने उतर गए और डूबकर उनकी मौत हो गई। इस घटना से पूरे गांव में मातम फैल गया है।


खेलते-खेलते पहुंचे गड्ढे तक

जानकारी के अनुसार मृत बच्चों की पहचान विपिन (पिता हेमंत अहिरवार), प्रियांश और गुनगुन (पिता कप्तान अहिरवार) के रूप में हुई है। तीनों बच्चे दोपहर को खेलते-खेलते गांव के बाहर बने गहरे गड्ढे तक पहुंच गए। जब काफी देर तक वे घर नहीं लौटे तो परिवार वालों ने खोजबीन शुरू की। ग्रामीणों को गड्ढे के किनारे बच्चों के कपड़े पड़े मिले, जिसके बाद सभी को अनहोनी की आशंका हुई।


ग्रामीणों ने खुद उतरे गड्ढे में

ग्रामीण तुरंत गड्ढे में उतरे और काफी मशक्कत के बाद दो बच्चों को बाहर निकाला। उन्हें फौरन अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। करीब दो घंटे की खोजबीन के बाद तीसरे बच्चे का शव भी बाहर निकाला गया। इस भयावह घटना ने पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है।


बारिश का पानी भरने से बना मौत का कुंड

पुलिस के मुताबिक यह गड्ढा कुछ दिन पहले तालाब निर्माण के लिए खोदा गया था। बुधवार को हुई बारिश के कारण इसमें पानी भर गया और यह गहरा गड्ढा बच्चों के लिए मौत का कुंड साबित हुआ। ग्रामीणों का आरोप है कि यह गड्ढा अवैध रूप से राहुल पटेल नामक व्यक्ति ने खुदवाया था, जो इस जगह पर क्रिकेट एकेडमी भी चलाता है।


प्रशासन पर सवाल और कार्रवाई की मांग

हादसे के बाद ग्रामीणों का गुस्सा प्रशासन पर फूट पड़ा। उनका कहना है कि गड्ढा खुला छोड़ दिया गया था और इसके चारों ओर कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए थे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की लापरवाही के कारण ही मासूमों की जान गई। अब लोग जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।


गांव में मातम, परिवारों का बुरा हाल

तीनों बच्चों की मौत से दोनों परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। गांव में शोक की लहर है और लोग घर-घर जाकर पीड़ित परिवारों को ढांढस बंधा रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि अगर समय रहते इस गड्ढे को ढंका जाता या सुरक्षा व्यवस्था की जाती तो बच्चों की जान बच सकती थी।


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