इंदौर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी कैबिनेट टीम आज शाम इंदौर पहुंचेंगे, जहां वे ऐतिहासिक राजवाड़ा दरबार हॉल में होने वाली 20 मई की कैबिनेट बैठक की पूर्व संध्या पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे। यह बैठक स्वतंत्र भारत में पहली बार राजवाड़ा दरबार में आयोजित हो रही है, जिससे न केवल प्रशासनिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी यह आयोजन ऐतिहासिक बन गया है।
मंच पर जीवंत होंगी अहिल्या बाई होलकर की गाथा
मुख्यमंत्री के शाम 6.30 बजे इंदौर पहुंचने का कार्यक्रम है। वे सबसे पहले लता मंगेशकर सभागृह में माँ अहिल्या बाई होलकर के जीवन प्रसंगों पर आधारित नाट्य मंचन देखेंगे। यह मंचन मालवा की गौरवशाली परंपरा, नारी नेतृत्व और ऐतिहासिक योगदान को जीवंत रूप में दर्शाएगा। इसे स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।
सराफा चौपाटी में व्यंजनों का आनंद
नाट्य मंचन के बाद मुख्यमंत्री और मंत्रीमंडल सराफा चौपाटी में पारंपरिक इंदौरी स्वाद का लुत्फ उठाएंगे। गोपाल मंदिर वाली गली में विशेष रूप से 25 पारंपरिक व्यंजन स्टॉल लगाए जा रहे हैं, जिनमें मालवी, मारवाड़ी, गुजराती और अन्य देसी पकवान शामिल होंगे। सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ नगर निगम द्वारा स्वच्छता और साज-सज्जा का विशेष ध्यान रखा गया है।

राजवाड़ा दरबार हॉल में कल कैबिनेट बैठक
कैबिनेट बैठक मंगलवार को राजवाड़ा दरबार हॉल में आयोजित होगी, जो अब तक केवल होलकर राजाओं के शासनकाल में प्रशासनिक निर्णयों का साक्षी रहा है। अंतिम बार 1945 में यहां दरबार सजा था। अब 79 साल बाद, इस ऐतिहासिक स्थल पर राज्य सरकार की लोकतांत्रिक बैठक होगी। बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित समस्त मंत्रीगण मौजूद रहेंगे।
अहिल्या उद्यान में माल्यार्पण कार्यक्रम
बैठक से पहले मुख्यमंत्री और मंत्री परिषद के सदस्य अहिल्या उद्यान जाएंगे, जहां वे माँ अहिल्या बाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। इसके लिए राजवाड़ा और उद्यान को रंग-बिरंगे फूलों, रोशनी और सजावटी कलाकृतियों से संवारा जा रहा है। पत्थरों की पॉलिश, मूर्तियों की सफाई और बारिश की संभावना को देखते हुए टेंट और डोम की विशेष व्यवस्थाएं भी की गई हैं।
होलकर परंपरा में होगी बैठक, महिला सशक्तिकरण पर रहेगा ज़ोर
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि बैठक की पूरी थीम होलकर परंपरा पर आधारित होगी। इसका उद्देश्य केवल प्रशासनिक निर्णय लेना नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण और मालवा संस्कृति का संदेश भी देना है। मुख्यमंत्री स्वयं इस ऐतिहासिक आयोजन की निगरानी कर रहे हैं और अधिकारियों को अंतिम तैयारियों को सहेजने के निर्देश दिए गए हैं।
स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार लोकतंत्र की कैबिनेट, ऐतिहासिक राजवाड़ा दरबार में सजेगी—मालवा की परंपरा, संस्कृति और शासन का अद्भुत संगम बनकर।
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