19 जून की घटना अब आई सामने, अहमदाबाद हादसे के एक हफ्ते बाद फिर फ्लाइट सेफ्टी पर उठे सवाल

नई दिल्ली।
12 जून को अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे के ठीक एक सप्ताह बाद एक और फ्लाइट को आपात स्थिति का सामना करना पड़ा। इंडिगो की गुवाहाटी-चेन्नई फ्लाइट के पायलट ने 19 जून को 'मेडे कॉल' किया, जब विमान में ईंधन की गंभीर कमी देखी गई। पायलट ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तुरंत बेंगलुरु एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई। विमान में 168 यात्री सवार थे। गनीमत रही कि सभी लोग सुरक्षित हैं।


क्यों करना पड़ा 'मेडे कॉल'?

इंडिगो की फ्लाइट ने गुवाहाटी से टेकऑफ किया था और चेन्नई की ओर जा रही थी। उड़ान के दौरान पायलट को एहसास हुआ कि विमान में उचित मात्रा में ईंधन मौजूद नहीं है। जैसे ही खतरे की स्थिति बनी, पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को 'मेडे कॉल' भेजा। यह एविएशन इंडस्ट्री का सबसे गंभीर आपातकालीन सिग्नल होता है, जो तब दिया जाता है जब विमान किसी बड़ी मुसीबत में हो।

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बेंगलुरु एयरपोर्ट पर सफल इमरजेंसी लैंडिंग

ATC से क्लियरेंस मिलते ही विमान को बेंगलुरु हवाई अड्डे पर डायवर्ट किया गया। अधिकारियों के मुताबिक, विमान की इमरजेंसी लैंडिंग सुचारु रूप से कराई गई और सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। इसके बाद विमान में री-फ्यूलिंग की गई और फिर उसे चेन्नई रवाना किया गया।

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पायलटों को ड्यूटी से हटाया गया

घटना की गंभीरता को देखते हुए इंडिगो ने दोनों पायलटों को फिलहाल ड्यूटी से हटा दिया है। मामले की जांच DGCA और एयरलाइन की आंतरिक टीम द्वारा की जा रही है। प्रारंभिक तौर पर यह सवाल उठ रहा है कि टेकऑफ से पहले फ्यूल लेवल की जाँच में चूक कैसे हुई? क्या सिस्टम फेलियर था या मानवीय भूल?


अहमदाबाद हादसे के बाद फिर से सामने आया सवाल: क्या हमारी उड़ानें सुरक्षित हैं?

यह घटना ऐसे समय पर हुई जब पूरा देश 12 जून के अहमदाबाद विमान हादसे के सदमे से उबर ही रहा था, जिसमें एअर इंडिया की लंदन जा रही फ्लाइट AI-171 क्रैश हो गई थी और 270 लोगों की मौत हुई थी। उस हादसे में भी पायलट ने मेडे कॉल किया था, लेकिन तब विमान मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।


क्या होता है 'मेडे कॉल'?

'मेडे कॉल' (Mayday) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त आपातकालीन संकेत होता है। एविएशन की भाषा में इसका इस्तेमाल तभी किया जाता है जब विमान को खतरा हो और यात्रियों की जान जोखिम में हो। यह शब्द तीन बार लगातार बोला जाता है:
"Mayday, Mayday, Mayday", ताकि सभी संचार चैनलों पर ध्यान आकर्षित किया जा सके।


इंडिगो की ओर से बयान

इंडिगो ने बयान जारी कर कहा कि,

"हमारे पायलट ने तय प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विमान की सुरक्षित लैंडिंग कराई। सभी यात्रियों को कोई नुकसान नहीं हुआ है। हम घटना की आंतरिक जांच कर रहे हैं और DGCA से पूरा सहयोग कर रहे हैं।"


क्या कहती है DGCA?

DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) ने इस मामले में इंडिगो से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। जांच के बाद यह तय होगा कि यह सिस्टम लेवल की चूक थी या क्रू की लापरवाही। अगर पाया गया कि पायलटों ने SOP का उल्लंघन किया, तो लाइसेंस सस्पेंड करने जैसे कड़े कदम भी उठाए जा सकते हैं।


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