- अभ्यास न केवल दो देशों की सेनाओं के बीच सामंजस्य को दर्शाता है, बल्कि यह क्षेत्रीय सुरक्षा के प्रति दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता का भी प्रतीक बना
नई दिल्ली। भारत और मंगोलिया के द्विपक्षीय सैन्य सहयोग की कड़ी में आतंकवाद विरोधी संयुक्त युद्धाभ्यास 'नोमैडिक एलीफेंट 2025' शुक्रवार को सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। यह अभ्यास न केवल दो देशों की सेनाओं के बीच सामंजस्य को दर्शाता है, बल्कि यह क्षेत्रीय सुरक्षा के प्रति दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता का भी प्रतीक बना। अब भारत की एक और सैन्य टुकड़ी 'खान क्वेस्ट 2025' नामक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भाग लेने के लिए तैयार है, जो मंगोलिया में ही शनिवार से शुरू हो रहा है।
सामरिक संबंधों की मजबूत होती नींव
नोमैडिक एलीफेंट का समापन समारोह मंगोलिया की राजधानी उलानबाटर में आयोजित किया गया। भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने इसमें मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उनके साथ मंगोलिया के डिप्टी चीफ ऑफ जनरल स्टाफ ब्रिगेडियर जनरल बाटार बालजिद और भारत के राजदूत अतुल एम. गोत्सुरवे भी उपस्थित रहे। इस अभ्यास में भारतीय सेना ने मंगोलियाई सेना के साथ अर्ध-पर्वतीय इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियानों का अभ्यास किया, जो मौजूदा वैश्विक सुरक्षा माहौल को देखते हुए बेहद प्रासंगिक माना जा रहा है। दोनों सेनाओं ने संयुक्त रूप से गहन अभ्यास कर अपनी पेशेवर क्षमताओं का प्रदर्शन किया।
अब बहुराष्ट्रीय मोर्चे पर 'खान क्वेस्ट'
'नोमैडिक एलीफेंट' के तुरंत बाद भारत की दूसरी सैन्य टुकड़ी 'खान क्वेस्ट 2025' में हिस्सा ले रही है। यह अभ्यास भी मंगोलिया में ही 15 जून से 28 जून तक चलेगा। इस अभ्यास में अमेरिका सहित कई अन्य देशों की सेनाएं हिस्सा लेंगी। महत्वपूर्ण बात यह है कि भारतीय सेना की इस टुकड़ी में कुमाऊं रेजिमेंट के 40 जवानों के अलावा एक महिला अधिकारी और दो महिला सैनिक भी शामिल हैं, जो अभ्यास में भारत की महिला शक्ति का प्रतिनिधित्व करेंगी। अभ्यास का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर शांति स्थापना अभियानों के लिए सैन्य सहयोग और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना है।
2003 में शुरू हुआ था 'खान क्वेस्ट'
'खान क्वेस्ट' अभ्यास की शुरुआत वर्ष 2003 में अमेरिका और मंगोलिया के बीच द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में हुई थी। लेकिन वर्ष 2006 से इसे बहुराष्ट्रीय रूप दिया गया, जिसमें भारत लगातार सक्रिय भागीदार बना हुआ है। यह अभ्यास संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में सैनिकों की भूमिका, प्रशिक्षण और सामरिक समझ को बेहतर बनाने पर केंद्रित होता है।
भारत की भूमिका और रणनीतिक विस्तार
भारत का मंगोलिया के साथ लगातार गहराता सैन्य संबंध इंडो-पैसिफिक और सेंट्रल एशिया में सामरिक संतुलन के लिहाज से बेहद अहम है। 'नोमैडिक एलीफेंट' और 'खान क्वेस्ट' जैसे अभ्यास न केवल भारत की सैन्य कूटनीति को मजबूती देते हैं, बल्कि यह पड़ोसी देशों के साथ विश्वास निर्माण और वैश्विक मंचों पर सहभागिता बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम हैं।
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