July 6, 2025 6:51 AM

अमेरिका में भारतीय छात्र बदर खान सूरी गिरफ्तार, हमास के लिए प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप

indian-student-badr-khan-soori-arrested-in-usa-hamas-propaganda

अमेरिकी इमिग्रेशन अधिकारियों ने वर्जीनिया से की गिरफ्तारी, आतंकवादी संगठन से संबंधों की जांच जारी

वॉशिंगटन। अमेरिका के इमिग्रेशन अधिकारियों ने सोमवार रात भारतीय छात्र बदर खान सूरी को वर्जीनिया से गिरफ्तार किया। सूरी पर हमास के समर्थन में प्रोपेगेंडा फैलाने और यहूदी विरोधी भावनाओं को भड़काने का आरोप है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा विदेश नीति का विरोध करने वाले छात्र कार्यकर्ताओं पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है, और इसी के तहत सूरी को हिरासत में लिया गया है।

सूत्रों के अनुसार, बदर खान सूरी अमेरिका के जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत अध्ययनरत था। वह सेंटर फॉर मुस्लिम-क्रिश्चियन अंडरस्टैंडिंग में पोस्टडॉक्टोरल फेलो के रूप में रिसर्च कर रहा था।


सोशल मीडिया पर यहूदी विरोधी प्रचार का आरोप

अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (Department of Homeland Security) की सहायक सचिव ट्रिशिया मैकलॉघलिन ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि सूरी सोशल मीडिया पर सक्रिय रूप से हमास का समर्थन कर रहा था और यहूदी विरोधी भावना को बढ़ावा दे रहा था।

इसके अलावा, जांच में सामने आया है कि सूरी के संबंध हमास के एक वरिष्ठ सलाहकार से हैं, जो अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की निगरानी में है। यह भी संदेह जताया जा रहा है कि वह अमेरिका में रहकर हमास के प्रचार अभियानों का हिस्सा रहा है।


संभावित निष्कासन (Deportation) की प्रक्रिया शुरू

अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि बदर खान सूरी को अमेरिका से निर्वासित (Deport) किया जा सकता है। उसके खिलाफ चल रही जांच के आधार पर अमेरिका में उसका वीज़ा रद्द करने की संभावना जताई जा रही है।

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि किसी विदेशी नागरिक द्वारा आतंकवादी संगठन से जुड़े लोगों के साथ संबंध रखना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हो सकता है। इसी कारण सूरी पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।


क्या है हमास और अमेरिका की नीति?

हमास एक फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन है, जिसे अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा और कई अन्य देशों ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। अमेरिका में कोई भी व्यक्ति, समूह या संगठन हमास का समर्थन करता है, तो उसे सख्त कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने हमेशा इजराइल का समर्थन किया है और हमास के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। हाल ही में अमेरिका में कई विश्वविद्यालयों में छात्रों ने फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन किए थे, जिनमें से कुछ पर उग्र गतिविधियों का आरोप लगा था।


सूरी की गिरफ्तारी पर भारत की प्रतिक्रिया

अब तक भारत सरकार की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन भारतीय राजनयिक सूत्रों के अनुसार, अमेरिका में भारतीय दूतावास इस मामले को करीब से देख रहा है और सूरी को कानूनी सहायता देने की संभावना पर विचार कर सकता है।

सूत्रों का कहना है कि भारतीय दूतावास अमेरिका में रह रहे भारतीय नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन अगर किसी व्यक्ति पर गंभीर आरोप हैं, तो उसे अमेरिकी कानूनों का सामना करना होगा।


क्या होगा आगे?

  1. जांच जारी: अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां सूरी के सोशल मीडिया पोस्ट्स और संपर्कों की जांच कर रही हैं।
  2. संभावित निष्कासन: अगर आरोप साबित होते हैं, तो उसे अमेरिका से डिपोर्ट किया जा सकता है।
  3. भारत की प्रतिक्रिया: भारत सरकार इस मामले पर अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया दे सकती है।
  4. यूनिवर्सिटी का बयान: जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी इस मामले पर जल्द ही स्पष्टीकरण जारी कर सकती है।

भारतीय छात्र बदर खान सूरी की गिरफ्तारी अमेरिका में एक बड़ी खबर बन गई है। हमास के लिए प्रचार करने और यहूदी विरोधी भावना भड़काने के आरोपों के चलते अमेरिकी अधिकारियों ने उसे हिरासत में लिया है और संभावित रूप से उसे देश से निष्कासित किया जा सकता है। इस घटना का असर भारत-अमेरिका संबंधों पर भी पड़ सकता है, खासकर छात्रों और शोधकर्ताओं को लेकर। आगे इस मामले में क्या कार्रवाई होती है, यह देखना दिलचस्प होगा।

Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram