नई दिल्ली। भारतीय नौसेना अप्रैल के मध्य में 10 अफ्रीकी देशों के साथ एक महत्वपूर्ण समुद्री युद्धाभ्यास करने जा रही है। इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य भारत और अफ्रीका के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करना और समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देना है। भारतीय नौसेना के उपप्रमुख वाइस एडमिरल तरुण सोबती ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह संयुक्त अभ्यास अफ्रीका-इंडिया मैरीटाइम एंगेजमेंट (AIME – AIKEYME) के नाम से आयोजित किया जाएगा। तंजानिया पीपुल्स डिफेंस फोर्स के सहयोग से यह अभ्यास तंजानिया के दार-एस-सलाम तट पर होगा।
रक्षा मंत्री करेंगे उद्घाटन
इस युद्धाभ्यास का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। यह अभ्यास छह दिनों तक चलेगा, जिसमें कोमोरोस, जिबूती, इरिट्रिया, केन्या, मेडागास्कर, मॉरीशस, मोज़ाम्बिक, सेशेल्स और दक्षिण अफ्रीका समेत कुल 10 अफ्रीकी देश भाग लेंगे। यह अभ्यास भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “वैश्विक दक्षिण” (Global South) के साथ जुड़ाव की रणनीति का हिस्सा है, जिसे उन्होंने हाल ही में मॉरीशस यात्रा के दौरान प्रस्तुत किया था। उनका विजन महासागर (Mutual and Holistic Advancement for Security and Growth Across Region – SAGAR) को साकार करने की दिशा में बढ़ रहा है।
युद्धाभ्यास में क्या होगा खास?
वाइस एडमिरल तरुण सोबती के अनुसार, युद्धाभ्यास को दो चरणों में विभाजित किया गया है—बंदरगाह चरण और समुद्री चरण।
बंदरगाह चरण
- समुद्री डकैती से निपटने की रणनीति
- जानकारी साझा करने पर टेबल-टॉप (Table-top) और कमांड-पोस्ट अभ्यास
- नाविक प्रशिक्षण (Seamanship Training)
समुद्री चरण
- खोज और बचाव (Search and Rescue) ऑपरेशन
- जहाज पर सर्च और जब्ती (Visit, Board, Search and Seizure – VBSS) ऑपरेशन
- छोटे हथियारों से गोलीबारी का अभ्यास
- हेलीकॉप्टर संचालन (Helicopter Operations)
भारत-अफ्रीका रक्षा संबंधों को मिलेगा नया आयाम
भारत और अफ्रीकी देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ाने के उद्देश्य से यह अभ्यास बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे समुद्री व्यापार मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की सुरक्षा एवं रणनीतिक उपस्थिति को और मजबूत करने में मदद मिलेगी।
भारत की समुद्री सुरक्षा नीति में AIME की भूमिका
भारत की समुद्री सुरक्षा नीति में यह अभ्यास एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। अफ्रीकी देशों के साथ बढ़ते सैन्य संबंध भारत को हिंद महासागर क्षेत्र में एक सशक्त समुद्री शक्ति के रूप में स्थापित करेंगे। इस अभ्यास से समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी अभियानों और मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) अभियानों में भी सहयोग बढ़ेगा।
इस संयुक्त अभ्यास से भारत और अफ्रीकी देशों के बीच सामरिक सहयोग को नया आयाम मिलेगा और यह वैश्विक समुद्री सुरक्षा में भारत की भूमिका को और प्रभावी बनाएगा।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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